उदित वाणी, कांड्रा : आनन्द मार्ग प्रचारक संघ द्वारा सराईकेला खरसवाँ के रैन बसेरा, आदित्यपुर में बाबा नाम केवलम कीर्तन एवं सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें लाल राजेन्द्र प्रसाद ने कहा बाबा” शब्द का अर्थ हुआ सबसे अधिक प्रिय जन, सबसे अधिक अपना जन।
क्योंकि परम पुरुष सब के पिता हैं, इसीलिए सारी सृष्टि के वे बाबा हैं, फिर क्यों की आप ही लोग उनकी श्रेष्ठ संतान हैं उनके प्यारे पुत्र व कन्या है हमलोग ही उनके बाबा है क्योंकि उन्होंने ही पहले ही कहा है कि बाबा का अर्थ है सबसे अधिक अपना जन।
क्यों कि वे सब के एकमात्र ध्येय हैं, क्योंकि उनका नाम हमारे ही अनु मानस का एकमात्र प्रक्षेप है, एकमात्र मानस विषय है, इसलिए उनका नाम ही हमारे ही मन में हमारे जिह्वा में, हमारे मन के अंतर में, हमारे अस्तित्व की प्रत्येक द्योतना में अनुरणित होना चाहिए। यह उनकी धारणा है और मेरी अभिज्ञता भी है, कि जिस तरह से उनके भक्त लोग, उनके प्यारे संतान संततियां “बाबा नाम केवलम्” कीर्तन करते हैं उसी तरह से वे भी “बाबा नाम केवलम” कीर्तन करते हैं।
आनन्द मार्ग का उद्देश्य है आत्म मोक्षार्थम जगत हिताय च अर्थात हमलोगों का लक्ष्य है एक हाथ परामपुरुष के चरण पर रख कर दूसरे हाथ से जगत की सेवा करते जाना । जो कार्य अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में मददगार हो उस कर्म को अपनाना है जो कार्य बाधक हो उसे दूर हटा देना चाहिए । हमे निःस्वार्थ भाव से जन सेवा करनी चाहिए । परम पिता परमेश्वर द्वारा ही जीव जगत की सृष्टि हुई है उनको खुश करने का सहज उपाय है उनकी सृष्टि की सेवा करना । इस कार्यक्रम मेंभुक्ति प्रधान सरायकेला-खरसवाँ गोपाल बर्मन , प्रेमनाथ राय, भुक्ति प्रधान सुधीर बी एन कुमार, जगदीश प्रवेश गोप ,इत्यादि मौजूद थे ।
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