
उदित वाणी, जमशेदपुर: उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर समाहरणालय सभागार में समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान की अध्यक्षता में हुई बैठक में पोषण, मातृत्व स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति और प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति पर गहन समीक्षा की गई.
आंगनबाड़ी केंद्र रोजाना खुलें, ग्राम स्वास्थ्य दिवस अनिवार्य हो
उप विकास आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र कार्यदिवसों में नियमित रूप से खुले रहें. उन्होंने कहा कि ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन प्रत्येक माह अनिवार्य रूप से किया जाए ताकि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल को सुदृढ़ किया जा सके. इसके साथ ही लंबित आंगनबाड़ी सेविका/सहायिका की नियुक्तियों को शीघ्र पूरा करने हेतु ग्रामसभा के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया.
पोषण ट्रैकर की समीक्षा, डुप्लीकेसी पर रोक
बैठक में पोषण ट्रैकर की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए डुप्लीकेसी (दोहराव) समाप्त करने का निर्देश दिया गया. साथ ही ट्रैकर में दर्ज जानकारी को अद्यतन करने और चयन प्रक्रिया की स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया. सभी आवश्यक विवरणों को जिला स्तर पर संकलित कर साझा करने का आदेश दिया गया.
विद्युतविहीन आंगनबाड़ी केंद्रों पर तत्काल कार्रवाई
जिन आंगनबाड़ी भवनों में बिजली की सुविधा नहीं है, वहां त्वरित समन्वय के साथ विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए. साथ ही बिजलीविहीन भवनों का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया.
मातृत्व योजना और वन स्टॉप सेंटर की प्रगति पर जोर
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के अंतर्गत 468 लंबित आवेदनों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निष्पादन के निर्देश दिए गए. वहीं, वन स्टॉप सेंटर में दर्ज 6 केसों में से 2 लंबित पाए गए, जिन्हें जल्द से जल्द निपटाने का निर्देश उप विकास आयुक्त ने दिया.
अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे योजनाओं का लाभ: उप विकास आयुक्त
बैठक के अंत में उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने कहा, “जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सभी लंबित कार्यों को समयसीमा के भीतर निपटाते हुए गुणवत्तापूर्ण सेवा देना संबंधित पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य विकास योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है.
बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिकाएं एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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