उदित वाणी, जमशेदपुर: मिथिला सांस्कृतिक परिषद के विद्यापति परिसर, गोलमुरी में 13 व 14 अप्रैल को 36वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद, जमशेदपुर द्वारा किया जा रहा है, जिसमें शहर की सांस्कृतिक-सामाजिक संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिल रहा है. उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व, वर्ष 2000 में सातवां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन भी यहीं आयोजित किया गया था.
शोभायात्रा : लाल-पीली साड़ियों और धोती-कुर्ते में सजेगा मिथिला का सांस्कृतिक कारवां
सम्मेलन की शुरुआत 13 अप्रैल को प्रातः 8:00 बजे शोभायात्रा से होगी. यह शोभायात्रा विद्यापति परिसर से प्रारंभ होकर एबीएम कॉलेज और गोलमुरी चौक होते हुए वापस परिषद परिसर पहुंचेगी. यह पहली बार है जब जमशेदपुर में किसी मैथिली सम्मेलन की शुरुआत शोभायात्रा से हो रही है. परंपरागत परिधान अनिवार्य रखा गया है – महिलाओं के लिए लाल या पीली साड़ी तथा पुरुषों के लिए धोती-कुर्ता.
उद्घाटन सत्र में दिग्गजों की उपस्थिति
13 अप्रैल को प्रातः 10:30 बजे उद्घाटन सत्र की शुरुआत विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से होगी. इस अवसर पर मुख्य अतिथियों के रूप में जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय, जमशेदपुर पूर्वी की विधायक श्रीमती पूर्णिमा दास साहू, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, प्रदेश जदयू अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खीरू महतो की उपस्थिति सुनिश्चित है.
14 अप्रैल को सांसद विद्युत वरण महतो और पूर्व विधायक राज पालिवाल सम्मेलन में शिरकत करेंगे.
महिला सत्र में होगा सम्मान और विमर्श
उद्घाटन सत्र के उपरांत महिला सत्र आयोजित किया जाएगा जिसमें ‘मिथिला और मैथिली के विकास में महिलाओं की भूमिका’ पर गहन चर्चा की जाएगी. इसकी अध्यक्षता डॉ त्रिपुरा झा करेंगी. इस सत्र में शहर की कई प्रसिद्ध महिला चिकित्सकों को सम्मानित भी किया जाएगा.
संगठनात्मक विमर्श का मंच
महिला सत्र के बाद संगठन सत्र होगा जिसमें अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद की सभी अनुषंगी इकाइयों के संयोजक और अध्यक्ष अपनी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. इस सत्र में प्रमुख रूप से भाग लेंगे – मिथिला राज्य संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष राममोहन झा, आदर्श मिथिला पार्टी के उमेश भारती, राजविराज से राम इकबाल यादव, मैथिली संगठन नेपाल के अध्यक्ष प्रवीण नारायण चौधरी और नेपाल से अंतरराष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष राम रिझान यादव.
मैथिली भाषा, साहित्य, राजनीति पर होगा विमर्श
तकनीकी आलेख सत्र में मैथिली भाषा, साहित्य, मिथिला क्षेत्र के उद्योग, युवाओं की समस्याएं, राजनीति, प्राथमिक शिक्षा में मैथिली की भूमिका, मैथिली का मानकीकरण और शास्त्रीय भाषा का दर्जा जैसे विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे. इसमें मिथिला राज्य की संभावनाओं और चुनौतियों पर भी चर्चा की जाएगी.
सांस्कृतिक रंग और स्वाद का संगम
13 अप्रैल को संध्या 5:00 बजे आनंद मेला का आयोजन होगा जिसमें मिथिला के पारंपरिक व्यंजन – मछली चूड़ा, अदोरी, दनोरी आदि प्रदर्शित और विक्रय के लिए उपलब्ध रहेंगे. इसके बाद संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायिकाएं श्वेता रानी, डेजी ठाकुर, ज्योति, सोनी चौधरी और बिनोद हंसोरा प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम का संयोजन शिव कुमार झा ‘टिल्लू’ द्वारा किया जा रहा है.
ऑनलाइन वैश्विक सहभागिता और कवि सम्मेलन
14 अप्रैल को सुबह 10:30 से 11:30 तक गूगल मीट के माध्यम से देश-विदेश के प्रतिनिधि सम्मेलन से जुड़ेंगे. इस ऑनलाइन सत्र में मिथिला चेंबर ऑफ कॉमर्स के निदेशक उद्योगों की वर्तमान स्थिति पर विचार रखेंगे. आयोजन इंजीनियर राजीव कुमार के द्वारा किया जाएगा.
इसके बाद 12:00 बजे विराट कवि सम्मेलन होगा जिसमें 50 से अधिक कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे. संचालन देश-विदेश में मंच संचालन के लिए प्रसिद्ध श्री विनोद हंसोरा करेंगे. तंजानिया से संजय कुमार, अमेरिका से सलोनी चौधरी और नेपाल से 15 प्रतिनिधि भी इसमें भाग लेंगे.
सम्मान और विमर्श का संगम
सम्मेलन के दौरान डॉ धनाकर ठाकुर (संस्थापक अध्यक्ष), नारायण यादव (केंद्रीय महासचिव), श्याम नारायण कुमार (मिथिला प्रदेश अध्यक्ष), प्रेम मोहन मिश्रा (सिमरिया, बेगूसराय), डॉ प्रवीण कुमार झा प्रेम (सिमरिया), विजय कुमार मिश्रा (समस्तीपुर), रामसेवक ठाकुर (भागलपुर), लक्ष्मण झा सागर (कोलकाता), नंद विलास राय (सुपौल निर्मली), अरुण कुमार सिंह सहित कई विद्वानों को सुनने का अवसर मिलेगा.
आयोजन के सूत्रधार और समितियां
सम्मेलन की विस्तृत जानकारी संवाददाता सम्मेलन में दी गई जहाँ अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार झा ‘अविचल’, जमशेदपुर इकाई अध्यक्ष अशोक कुमार दास, महासचिव विपिन झा, डॉ रविंद्र कुमार चौधरी, राज्य सचिव पंकज कुमार झा, मिथिला सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष मोहन ठाकुर और महासचिव धर्मेश कुमार झा लड्डू, पत्रकार प्रमोद कुमार झा उपस्थित थे.
आयोजन को सफल बनाने के लिए कई समितियाँ गठित की गई हैं, जिनमें दीपक झा, पंकज राय, अनिल झा, कृष्ण मुरारी झा, डॉ नंद कुमार झा, तरुण कुमार झा, कमल कांत झा, नवीन कुमार झा, राजीव रंजन, दिलीप कुमार झा, शिव चन्दन, अमर कुमार झा, रंजीत झा, कृष्णा कामत, राजेंद्र कर्ण, अन्नपूर्णा, माया झा, पूनम झा, अंचिता झा, नूतन झा, रूपम झा, अनुराधा झा शामिल हैं.
विशिष्ट सम्मान समारोह
14 अप्रैल को विशेष रूप से मैथिली-मिथिला के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले सामाजिक व्यक्तित्वों को सम्मानित किया जाएगा. इनमें मैथिली गौरव सम्मान, मिथिला गौरव सम्मान, मैथिली संगीत सम्मान, मिथिला मित्र सम्मान आदि सम्मिलित हैं.
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