उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड की सांस्कृतिक विरासत और रंगकला को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक प्रेरणादायी प्रयास के तहत 21 दिवसीय निःशुल्क नाट्य कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार के अधीन सांस्कृतिक कार्य निदेशालय और पथ – पीपुल्स एसोसिएशन फॉर थियेटर के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई. इस कार्यशाला का उद्देश्य जमशेदपुर के युवा रंगकर्मियों को मंचीय प्रशिक्षण, अभिनय कौशल, संवाद अदायगी, भाव-प्रदर्शन और समग्र नाट्य प्रस्तुति की व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था.
निज़ाम और रामचंद्र मार्डी का निर्देशन बना कार्यशाला की आत्मा
कार्यशाला का नेतृत्व ख्यातिप्राप्त रंग निर्देशक मोहम्मद निज़ाम ने किया. उन्होंने प्रतिभागियों को रंगमंच की बारीकियों से परिचित कराया. कार्यशाला में संथाली और हिंदी रंगमंच के युवा रंगकर्मी रामचंद्र मार्डी ने भी विशेष मार्गदर्शन देकर पारंपरिक दृष्टिकोण से नाटक की विषयवस्तु को और अधिक प्रभावशाली बनाया.
नाट्य समापन: “बिरसा: अविस्मरणीय योद्धा”
कार्यशाला का समापन 4 मई 2025 को एक भव्य नाट्य प्रस्तुति के साथ होगा.
समय: शाम 6 बजे
स्थान: रविन्द्र भवन प्रेक्षागृह, जमशेदपुर
प्रस्तुत नाटक “बिरसा: अविस्मरणीय योद्धा” झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित है. इसमें उनके संघर्ष, आदिवासी अस्मिता की रक्षा के प्रयासों और ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध उनके ऐतिहासिक विद्रोह को रंगमंच के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा.
अभिनय के माध्यम से जागेगी सामाजिक चेतना
नाटक में भाग लेने वाले नवोदित कलाकारों ने सामाजिक चेतना, जनसंगठन और बलिदान की भावना को सजीव करने में अपनी पूरी ऊर्जा झोंकी है. यह प्रस्तुति केवल एक नाटक नहीं, बल्कि एक जीवंत दस्तावेज़ है, जो दर्शकों को अपने इतिहास से जोड़ने का प्रयास करती है.
आमंत्रण: आइए, इस रंगयात्रा के साक्षी बनिए
इस ऐतिहासिक नाट्य प्रस्तुति में रंगमंच प्रेमियों, सांस्कृतिक संगठनों, पत्रकारों, विद्यार्थियों और आम नागरिकों से आग्रह है कि वे इस सांस्कृतिक अनुष्ठान का हिस्सा बनें और बिरसा मुंडा को रंगमंच के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करें. प्रवेश निशुल्क है.
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