स्थायी नौकरी बनी चुनौती, चेन्नई में हुई कार्यशाला में शहर के मजदूर नेताओं ने जताई चिंता
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के नेता प्रकाश विश्वकर्मा ने कहा कि कोरोना काल में भी यूनियन ने स्थायीकरण कराया
उदित वाणी, जमशेदपुर: इंडस्ट्रियल ऑल की साउथ एशिया शाखा द्वारा चेन्नई में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला में ऑटोमोबाइल सेक्टर में कर्मचारियों की स्थिति पर चर्चा की गई. कार्यशाला में जमशेदपुर मजदूर नेता रघुनाथ पांडे और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन की ओर से प्रकाश विश्वकर्मा शामिल हुए.
दो दिवसीय कार्यशाला का आरंभ परिचय सत्र से हुआ. अपने संबोधन में रघुनाथ पांडे ने कहा कि यूनियन के सदस्यों की संख्या बनाए रखने के लिए जरूरी है कि कर्मचारियों का स्थायीकरण हो. इसके लिए यूनियन को कार्य करनी चाहिए. मैंने अपने कार्यकाल में जहां तक संभव हुआ, नई स्थाई नौकरी कराई. आज सबसे बड़ी चुनौती स्थायी प्रकृति के कार्यों में अस्थायी प्रकृति के श्रम की भागीदारी है. प्रकाश विश्वकर्मा ने टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन द्वारा हर साल कराए जाने वाले स्थायीकरण के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि 2017 से अब तक यूनियन लगभग 1800 लोगो को स्थायी करा चुकी है. यही नहीं कोरोना काल जैसी विकट स्थिति में भी यूनियन ने अस्थायी कर्मियों को स्थायी कराया. मजदूरों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस और सेवा निधि के माध्यम से एक बेहतर सेवा और अपने साथी कर्मचारियों के बीमार होने की स्थिति में लीव बैंक जैसा प्रावधान यूनियन द्वारा किया गया है. कार्यशाला कल भी जारी रहेगी.
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