
उदित वाणी, रांची : झारखंड हाईकोर्ट में सीबीआई की ओर से एमपी-एमएलए के खिलाफ लंबित 12 आपराधिक मामलों में स्टेटस रिपोर्ट पेश की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस अंबुज नाथ की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई का पक्ष सुना. इस मामले की अगली सुनवाई अब नौ जुलाई को होगी. गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट द्वारा एमपी-एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के स्पीडी ट्रायल को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है और मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर सुनवाई की जा रही है.
सीबीआई की ओर से अदालत को अद्यतन रिपोर्ट सौंपते हुए बताया गया कि एमपी-एमएलए के खिलाफ लंबित 12 आपराधिक मामलों में रांची स्थित सीबीआई की बिशेष अदालत में नौ मामले और धनबाद की अदालत में तीन मामलों में ट्रायल चल रहा है. अलकतरा घोटाले से संबंधित बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन के मामले में अदालत का फैसला आ चुका है. इसमें आरोपी इलियास हुसैन को तीन साल की सजा हुई है. एक मामले में ट्रायल अंतिम दौर में है.
वहीं पूर्व की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि सीबीआई जैसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसी गवाहों को समय पर अदालत में पेश करने में असफल साबित हो रही है. अदालत ने यह भी कहा था कि ट्रायल में देरी से गवाहों में डर का माहौल बना रहता है. सीबीआई ने स्वयं एक मामले में यह स्वीकार किया था कि गवाहों को धमकाने की आशंका के मद्देनज़र उनकी गवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराया गया था.
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