उदित वाणी, नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) द्वारा आज दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य देश में अल्पसंख्यकों की शिक्षा और समग्र विकास पर चर्चा करना था. इसमें राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नीति-निर्माता और विद्वान भी उपस्थित रहे. झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए.
सम्मेलन का उद्देश्य और चर्चा के प्रमुख बिंदु
सम्मेलन में अल्पसंख्यकों के विकास के लिए ठोस रणनीतियों पर चर्चा की गई. दो प्रमुख सत्रों का आयोजन किया गया:
1. अल्पसंख्यकों को शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करना और समावेशी शिक्षा की चुनौतियों तथा उनके समाधान पर विचार.
2. समग्र विकास और कल्याण के लिए मजबूत रणनीतियों का निर्माण और सरकार की भूमिका को स्पष्ट करना.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, किरण रिजिजू ने इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सकारात्मक दृष्टिकोण के तहत उनके विकास की दिशा में काम करने की बात की.
हिदायतुल्लाह खान को सम्मानित किया गया
इस सम्मेलन के दौरान झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान को उनके योगदान के लिए शॉल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लोपोरा ने प्रदान किया.
रांची को हज एंबार्केशन प्वाइंट बनाने की मांग
सम्मेलन के दौरान हिदायतुल्लाह खान ने हज 2025 के लिए रांची को हज एंबार्केशन प्वाइंट बनाने की मांग की. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण यह प्रक्रिया प्रभावित हुई थी और 2022 से 2024 तक सभी हज यात्री कोलकाता से यात्रा कर रहे हैं, जो उनके लिए बहुत कठिनाइयों का कारण बन रहा है. रांची हज हाउस पूरी तरह से तैयार है, इसलिए उन्होंने राज्य सरकार से यह व्यवस्था करने की अपील की.
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति की बहाली की अपील
हिदायतुल्लाह खान ने सरकार से अपील की कि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना को फिर से शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मुश्किलें आ रही हैं. पिछले कई वर्षों से यह योजना बंद है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को शिक्षा के अवसरों से वंचित किया जा रहा है.
उर्दू भाषा के साथ सौतेले व्यवहार पर चिंता
हिदायतुल्लाह खान ने उर्दू भाषा के प्रति सौतेले व्यवहार पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि उर्दू कोई विशेष समाज की भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत की प्रमुख और मधुर भाषाओं में से एक है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदी और उर्दू को एक साथ समान सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि दोनों भाषाएं भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं.
सम्मेलन में अन्य महत्वपूर्ण उपस्थित लोग
इस अवसर पर हिदायतुल्लाह खान के साथ झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम, ज्योति सिंह मथारू, प्रणव सलीमैन और सदस्य इक़रार हसन भी उपस्थित थे.
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