
उदित वाणी, रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी संगठनों के भारी विरोध के बावजूद राजधानी रांची के बहुचर्चित सिरमटोली फ्लाईओवर का उध्दघाटन कर दिया. यह रेलवे लाइन के ऊपर अत्याधुनिक तकनीकी से केबल स्टैंड ब्रिज बनाया गया है. मुख्यमंत्री ने फलाईओवर का उध्दघाटन ही नहीं किया, बल्कि इसके साथ ही उन्होंने मास्टरस्ट्रोक खेला और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति का भी परिचय दिया है. उन्होंने फ्लाईओवर के उध्दघाटन को लेकर भी रणनीति बनायी और उध्दघाटन कार्यक्रम को हर स्तर पर बेहद गोपनीय रखा गया. गुरूवार को उध्दघाटन कार्यक्रम के चंद घंटे पहले ही मीडिया व लोगोंको इसकी जानकारी मिली. वहीं मुख्यमंत्री ने फलाईओवर के उध्दघाटन के अवसर पर फलाईओवर का नामकरण कांग्रेस और आदिवासियों के बड़े लोकप्रिय नेता रहे बाबा कार्तिक उरांव के नाम पर करके बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला.
ज्ञात हो कि स्वर्गीय कार्तिक उरांव राज्य की पूर्वमंत्री व कांग्रेस नेता गीताश्री उरांव के पिता हैं और फलाईओवर रैंप विवाद में गीताश्री उरांव प्रमुख भूमिका निभा रही हैं. वहीं मुख्यमंत्री के मास्टरस्ट्रोक का दूसरा पहलू यह है कि सरहूल के अवसर पर सरना झंडा लेकर सिरमटोली स्थित सरना स्थल पर पहुंचने वाले शोभायात्रा में श्रध्दालुओं में सबसे बड़ी तादाद उरांव समुदाय के लोगों की ही होती है. सरहुल के अवसर पर पहली बार बर्ष 1961 में करमटोली से सिरमटोली तक शोभायात्रा निकाली गई थी और उस ऐतिहासिक शोभा यात्रा में कार्तिक उरांव भी बैलगाड़ी से पुहंचे थे. स्वर्गीय कार्तिक उरांव को सम्मान मिलने से कांग्रेसियों में भी खुशी का माहौल है. खास कर कांग्रेस के आदिवासी नेताओं में उत्साह का माहौल कुछ अलग है.
विवाद को सुलझाने का काफी प्रयास किया गया, 114 मीटर रैंप को घटाकर 84 मीटर किया गया-पथ निर्माण सचिव
लिहाजा सिरमटोली फ्लाईओवर को खोले जाने से लोगों को सुजाता चौक पर होनेवाले भारी जाम से मुक्ति मिलेगी और इस फलाईओवर के निर्माण के बाद आम लोगों के बीच काफी उत्साह है. अब सिरमटोली से मेकॉन चौक तक पहुंचने में लोगों को 30 मिनट के बजाय 3 मिनट लगेंगे. कई बाधाओं को दूर कर फलाईओवर का काम पूरा कराया गया है. कानूनी अड़चन को दूर किया गया. पाइपलाइन, बिजली पोल की शिफ्टिंग कराई गई. कई वृक्ष कटे. कब्रिस्तान और मंदिर की जमीन ली गई. इसके अलावा खुद सरना स्थल के पास रहने वालों ने अपनी जमीन दी. पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार ने बताया कि बीच में रैंप निर्माण को लेकर विवाद हो रहा है. जबकि हम लोगों ने विवाद को सुलझाने का काफी प्रयास किया है. पूर्व में 114 मीटर रैंप का निर्माण कराया जाना था. जिसे घटाकर 84 मीटर तक कर दिया गया. ताकि सरना स्थल क्लियर रहे. वहीं सरना स्थल के समीप कोई कार्यक्रम होने पर वहां पर लगे क्रैश बैरियर को भी हटाने का भी व्यवस्था की गई है, ताकि वह जगह पूरी तरह से खुला रहे और कभी किसी को कोई परेशानी नहीं हो. पथ निर्माण सचिव ने कहा कि राजधानी रांची को जाम मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं. कई सड़क और फ्लाईओवर की योजनाएं ली जा रही है. सिरम टोली फ्लाईओवर निर्माण के लिए उन्होंने विभाग के इंजीनियरों, एलएनटी की टीम, रेलवे, वन विभाग व डाक विभाग के सहयोग पर भी धन्यवाद दिया.
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