उदित वाणी, रांची: आज राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच राजभवन में हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है. भले ही इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा हो, लेकिन इस बैठक के पीछे कई अहम मुद्दे छिपे हुए थे. विशेष रूप से हजारीबाग हिंसा और पेसा कानून पर हुई चर्चा ने राजनीतिक माहौल को तगड़ा मोड़ दे दिया है.
आज राजभवन में माननीय राज्यपाल आदरणीय श्री @santoshgangwar जी से मुलाकात हुई। pic.twitter.com/vDrPdB05c3
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 27, 2025
हजारीबाग हिंसा पर राज्यपाल की पहल
महाशिवरात्रि के दिन हजारीबाग में हुई हिंसा के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. इस घटनाक्रम ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को खुद पहल करने के लिए प्रेरित किया. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से इस मामले की विस्तृत जानकारी मांगी और साफ निर्देश दिए कि दोषियों पर निष्पक्ष कार्रवाई की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी एकतरफा निर्णय से बचा जाए, ताकि राज्य की छवि को कोई नुकसान न पहुंचे.
हजारीबाग हिंसा का घटनाक्रम
महाशिवरात्रि के दिन हजारीबाग में दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसके बाद इलाके में भारी तनाव फैल गया. हिंसा के दौरान कई गाड़ियों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ तथा पथराव की घटनाएं हुईं. स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन को कर्फ्यू लगाने और इंटरनेट सेवाएं बंद करने का निर्णय लेना पड़ा. इस हिंसा के बाद राज्य सरकार की ओर से इस मामले पर गहरी नजर रखी जा रही है.
पेसा कानून पर चर्चा
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक में पेसा कानून पर भी चर्चा हुई. यह कानून आदिवासी क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से लाया गया था. हालांकि, इसकी प्रभावी क्रियान्वयन और अन्य संबंधित मुद्दों पर अभी भी सवाल उठ रहे हैं. इस पर चर्चा के दौरान राज्यपाल ने इस कानून के सही तरीके से लागू होने पर जोर दिया.
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