उदित वाणी, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज विधायक कल्पना सोरेन के साथ आदिवासी कॉलेज छात्रावास परिसर, करमटोली, रांची में आयोजित सरहुल पूजा महोत्सव में सम्मिलित हुए. इस अवसर पर उन्होंने पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और राज्य के सर्वांगीण विकास, सुख, समृद्धि और शांति की कामना की. इसके साथ ही उन्होंने परिसर में सखुआ का पेड़ लगाकर प्रकृति से जुड़ने का संदेश भी दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपनी परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित रखने के साथ उन्हें और मजबूत करना है, जैसा कि हमारे पूर्वजों ने किया.
आज हेमन्त जी के साथ सरना स्थल, सिरमटोली, रांची में आयोजित सरहुल पूजन में सम्मिलित होकर प्रकृति माँ की आराधना की।
पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर झारखण्ड के सर्वांगीण विकास, सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
जय माँ सरना!
जय प्रकृति! pic.twitter.com/0v4E4xZ7FC— Kalpana Murmu Soren (@JMMKalpanaSoren) April 1, 2025
परंपरा और संस्कृति को संरक्षित रखना
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे पर्व और त्योहार हमारी परंपरा, सभ्यता और आस्था से जुड़े होते हैं. इससे जीवन में उमंग, उत्साह और उल्लास का संचार होता है. सरहुल पर्व की परंपरा हमारे पूर्वजों ने मजबूत की और हमें इसे और आगे बढ़ाना है.” उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस पर्व के दौरान प्रकृति को संरक्षित रखने का संकल्प लें और अपनी परंपराओं के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ें.
झारखंड के बेहतर भविष्य के लिए 25 वर्षों की योजना
मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को सरहुल महापर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि झारखंड के बेहतर भविष्य के लिए हमें अगले 25 वर्षों के दृष्टिकोण से योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ना होगा. “अपने संकल्पों और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए,” उन्होंने कहा. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उनके नेतृत्व में राज्य विकास के नए आयाम स्थापित करेगा.
विद्यार्थियों के लिए बेहतर व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार हमेशा छात्रों के कल्याण के लिए तत्पर है. “विद्यार्थियों को बेहतर सुविधा देने के लिए सभी छात्रावासों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. आदिवासी कॉलेज छात्रावास, करमटोली और महिला कॉलेज छात्रावास में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी,” उन्होंने बताया. इसके अलावा, उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें, बाकी सभी सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान की जाएंगी.
विरासत को समय देना आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोगों के पास समय कम होता है, लेकिन हमें अपनी परंपरा, सभ्यता और संस्कृति से जुड़े रहने के लिए समय निकालना चाहिए. “यह हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है. इससे आपसी रिश्ते मजबूत होते हैं और हम मिलकर पर्व-त्योहारों का उल्लासपूर्ण जश्न मना सकते हैं,” उन्होंने कहा.
सरहुल पूजा महोत्सव की परंपरा
इस अवसर पर कृषि मंत्री शिल्पा नेहा तिर्की और विधायक कल्पना सोरेन ने भी पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और राज्य के विकास और खुशहाली की कामना की.
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