उदित वाणी, रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ियों के खुलासे के बाद उन महिलाओं के सामने समस्या खड़ी हो गई है जिन्होंने अभी तक आवेदन नहीं किया है. प्रज्ञा केंद्र (सीएससी) के साथ सरकार का करार रद्द होने से यह योजना अब वहां से उपलब्ध नहीं है. महिलाओं को समझ नहीं आ रहा कि आवेदन कहां और कैसे करें.
नए पोर्टल की तैयारी
सरकार योजना के लिए एक अलग पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी में है. नए पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाया जाएगा. साथ ही पुराने पोर्टल को फिर से खोलने पर विचार हो रहा है ताकि पहले से पंजीकृत महिलाओं के आवेदन में हुई त्रुटियों को सुधारा जा सके. बड़ी संख्या में महिलाओं के आवेदन में सामान्य त्रुटियां थीं, जिससे उनके बैंक खातों में पैसे नहीं पहुंचे.
जिलों से मांगी गई रिपोर्ट
समाज कल्याण निदेशालय ने सभी जिलों को मंईयां सम्मान योजना में अपात्र लाभुकों की पहचान करने और उनकी रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था. हालांकि, अब तक किसी भी जिले ने यह रिपोर्ट निदेशालय को नहीं सौंपी है. गड़बड़ियों की व्यापक जांच और सुधार के बाद एक नए पोर्टल को लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है.
झारनेट पर नया पोर्टल लॉन्च
11 जनवरी 2025 को झारनेट पर मंईयां सम्मान योजना का नया पोर्टल लॉन्च किया गया है. यह पोर्टल सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने विकसित किया है. हालांकि, अंचल अधिकारी (सीओ) और प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को लॉग-इन की सुविधा अभी प्रदान नहीं की गई है.
पोर्टल का उपयोग कैसे होगा?
सीओ और बीडीओ को अपने लॉग-इन आईडी मिलेंगे.
लॉग-इन के बाद ओटीपी जेनरेट होगा.
ओटीपी डालने के बाद ही पोर्टल खुलेगा.
सुधार और पारदर्शिता पर जोर
सरकार ने गड़बड़ियों को दूर करने और सभी योग्य लाभुकों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं. नया पोर्टल प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में मदद करेगा.
क्या गड़बड़ियां दूर कर पाएगी सरकार?
मंईयां सम्मान योजना के सामने आई समस्याओं ने प्रशासन और लाभुकों दोनों के लिए सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या नया पोर्टल उन महिलाओं की उम्मीदें पूरी कर पाएगा जो अब तक लाभ से वंचित हैं? जिलों से रिपोर्ट का इंतजार और नई गाइडलाइन्स के अमल पर सबकी नजरें टिकी हैं.
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