
प्रयागराज: गंगा दशहरा के पावन पर्व पर गुरुवार को काशी और प्रयागराज में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर मां गंगा का अवतरण दिवस मनाया. ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला यह पर्व मान्यता अनुसार उस दिन को स्मरण करता है, जब मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं. सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही वाराणसी के दशाश्वमेध घाट सहित प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई. आस्था, भक्ति और वैदिक मंत्रोच्चारों के बीच गंगा आरती, दीपदान और पुण्यस्नान ने माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया.
पुण्य स्नान के साथ मोक्ष की कामना
दूर-दराज से आए भक्तों ने मां गंगा में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना की. श्रद्धालुओं ने स्नान के पश्चात गंगा की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की. पुराणों के अनुसार, गंगा दशहरा पर स्नान करने से दस प्रकार के पापों से छुटकारा मिलता है. काशी के तीर्थ पुरोहित विवेकानंद ने कहा, “इस दिन गंगावतरण की स्मृति में देशभर से भक्त यहां आते हैं. भागीरथ की तपस्या से मां गंगा धरती पर आईं थीं, जिससे उनके पूर्वजों को मोक्ष मिला. आज भी उसी परंपरा को श्रद्धा के साथ निभाया जाता है.”
राजकोट से आए संत की वाणी
गुजरात से आए महंत विजय महाराज ने बताया, “गंगा दशहरा सनातन धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में एक है. मां गंगा केवल एक नदी नहीं, अपितु मोक्षदायिनी हैं. उनका जल न केवल शरीर को, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करता है.”
प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर जुटी श्रद्धा
काशी के समान ही प्रयागराज में भी गंगा दशहरा की आस्था चरम पर रही. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर हजारों श्रद्धालु जुटे और पुण्य स्नान कर दान-पुण्य में रत रहे. महंत गोपाल ने बताया, “यह दिन अत्यंत पुण्यकारी है. माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से स्वयं के साथ-साथ पितरों को भी मुक्ति मिलती है. इसलिए इसे गंगा दशहरा कहा गया. प्रयागराज में एक रुपये का दान एक लाख रुपये के फल के समान माना जाता है.”
“हम भाग्यशाली हैं…”
एक श्रद्धालु ने कहा, “हम मां गंगा, यमुना और सरस्वती के तट पर स्नान कर के धन्य हो गए हैं. महाकुंभ के बाद यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और श्रद्धा और अधिक गहरी हुई है. गंगा दशहरा के दिन यहां आकर स्नान करना हमारी पीढ़ियों को पुण्य दिलाने जैसा है.” काशी और प्रयागराज में प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए. एनडीआरएफ, जल पुलिस और प्रशासनिक अमला घाटों पर मुस्तैद रहा. कहीं कोई अव्यवस्था या हादसे की सूचना नहीं मिली.
(IANS)
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।