उदित वाणी, झारखंड: केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने झारखंड में पर्यटन की अपार संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के कारण पर्यटन के क्षेत्र में बड़ा योगदान दे सकता है। उन्होंने यह विचार रामगढ़ के पतरातु लेक रिजॉर्ट में आयोजित पर्यटन विकास बैठक के दौरान व्यक्त किए।
पर्यटन विकास को लेकर हुई अहम बैठक
बैठक में झारखंड के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को रजरप्पा, इटखोरी की भद्रकाली, देवघर के बाबा धाम, बौद्ध एवं जैन तीर्थ स्थल, और पलामू टाइगर रिजर्व जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की जानकारी दी। बैठक के उपरांत मंत्री शेखावत ने पतरातु लेक रिजॉर्ट में नौका विहार का आनंद भी लिया।
भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में संगठित पर्यटन क्षेत्र का योगदान 5.6% है, लेकिन यदि आध्यात्मिक पर्यटन को भी इसमें शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा 10% तक पहुंच सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यदि यह वृद्धि दर बनी रही, तो वर्ष 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था 32 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिसमें पर्यटन का योगदान 3 ट्रिलियन डॉलर होगा।
झारखंड में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
केंद्र सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 50 आइकॉनिक पर्यटन स्थलों के विकास की योजना पर कार्य कर रही है। इसके अलावा, 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों में पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्रीय बजट में प्रावधान किया गया है। मंत्री शेखावत ने कहा कि सरकार राज्य सरकारों को सहयोग देकर पर्यटन अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा करते हुए कहा, “झारखंड में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार राज्य के पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।”
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