उदित वाणी, देवघर: बाबा बैद्यनाथ मंदिर के नाम पर ऑनलाइन पूजा सेवा (बाबाधाम ऑनलाइन पूजा सर्विसेस) के माध्यम से करोड़ों रुपये की ठगी का मामला उजागर हुआ है. यह ठगी न केवल देश के विभिन्न हिस्सों में, बल्कि विदेशों से भी हजारों श्रद्धालुओं को निशाना बनाकर की गई.
यह मामला तब सामने आया, जब हैदराबाद से आए पांच श्रद्धालुओं ने इस फर्जी वेबसाइट के माध्यम से पूजा की बुकिंग कराई और बाबा बैद्यनाथ मंदिर पहुंचे. वहां उन्होंने वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे. स्थिति को समझने के लिए ये यात्री मंदिर कंट्रोल रूम पहुंचे. उनकी बातें सुनकर वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए.
जसीडीह से संचालित हो रहा था फ्रॉड
शिकायत मिलने पर मंदिर प्रशासन और पुलिस सक्रिय हुई. प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह फर्जी वेबसाइट जसीडीह के अमरपुर मोहल्ले से संचालित हो रही थी. कंट्रोल रूम से वेबसाइट संचालक को फोन किया गया और उसे मंदिर बुलाकर पूछताछ की गई. संचालक ने अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए सभी जानकारियां मंदिर प्रशासन को दीं.
मंदिर प्रभारी सह एसडीएम रवि कुमार ने इसे गंभीर मामला मानते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने और जांच तेज करने का आश्वासन दिया है. वेबसाइट को अब “मेंटेनेंस मोड” में डाल दिया गया है.
ठगी का पैमाना
वेबसाइट के रिकॉर्ड के अनुसार, अब तक 9,117 श्रद्धालुओं ने इस सेवा के लिए निबंधन कराया था. प्रति व्यक्ति 5,100 रुपये की दर से ठगी की गई. इस प्रकार करीब 4.5 करोड़ रुपये की राशि फर्जी पूजा सेवा के नाम पर एकत्र की गई.
हैदराबाद के श्रद्धालुओं की पहल
हैदराबाद के यात्रियों ने वेबसाइट से संबंधित सभी दस्तावेज और लिखित शिकायत मंदिर प्रशासन को सौंपी है. यह मामला धार्मिक आस्था से जुड़ा होने के कारण और भी गंभीर बन गया है.
प्रशासन की चेतावनी और सुझाव
असली और फर्जी सेवा में अंतर करें: श्रद्धालुओं से अपील है कि वे केवल मंदिर प्रशासन द्वारा संचालित या अधिकृत सेवाओं का ही उपयोग करें.
जागरूकता अभियान: श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पूजा या दर्शन के नाम पर हो रही ठगी से सावधान रहने की आवश्यकता है.
कानूनी कार्रवाई: मामले की जांच तेज करते हुए आरोपी को सजा दिलाने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए.
क्या यह घटना प्रशासन के प्रति विश्वास को हिला सकती है? क्या इससे भविष्य में श्रद्धालुओं की ऑनलाइन सेवाओं के प्रति सोच बदलेगी? ऐसे सवाल उठ रहे हैं, जिनका समाधान केवल सख्त कार्रवाई और जागरूकता से ही संभव है.हुंचें.
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