रांची: रांची पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अनिल महतो टाइगर की हत्या में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें फरार शूटर अमन भी शामिल है. पुलिस की जांच में पता चला है कि अनिल टाइगर की हत्या एक जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद के कारण हुई थी. साजिशकर्ता ने इसके लिए शूटरों को सुपारी दी थी.
हत्या की घटना
भाजपा नेता अनिल टाइगर की हत्या 26 मार्च को शाम करीब 4 बजे रांची शहर के कांके चौक पर हुई. उस समय वे एक होटल में बैठे थे. इस हत्याकांड ने पूरे रांची में हंगामा मचा दिया था. हत्याकांड के विरोध में 27 मार्च को विभिन्न पार्टियों के आह्वान पर रांची बंद रहा.
पहले गिरफ्तारी और जांच
हत्या की घटना के बाद, बाइक से भाग रहे दो अपराधियों में से एक, रोहित वर्मा, को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था, जबकि दूसरा शूटर अमन भागने में सफल रहा था. हत्याकांड की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने टेक्निकल सेल की मदद से फरार शूटर को वारदात के 14 दिन बाद गिरफ्तार किया.
जमीन विवाद का मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अनिल टाइगर की रेकी करने वाले एक व्यक्ति और साजिश में शामिल एक अन्य को अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में रांची के किशोरगंज निवासी एक अपराधी सन्नी सिंह को भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.
गुमराह करने की कोशिश
गिरफ्तार रोहित वर्मा ने पुलिस को बयान में बताया कि लोहरदगा जिले में कुछ माह पहले संतोष जायसवाल नामक एक अपराधी की हत्या के प्रतिशोध में अनिल टाइगर की हत्या की गई थी. उसका कहना था कि अपराधी की हत्या अनिल टाइगर के इशारे पर की गई थी. हालांकि, अब पुलिस की जांच में यह सामने आ रहा है कि उसने अनुसंधान को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी गढ़ी थी. हत्या के पीछे असली वजह जमीन विवाद है, जिसमें एक जमीन कारोबारी ने साजिश रची थी.
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