उदित वाणी, पश्चिमी सिंहभूम: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में सोमवार, 17 मार्च को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी. गीतिलिपि गांव में पुआल के ढेर में खेल रहे चार बच्चों की आग में जलकर मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि यह घटना सुबह करीब 10 बजे हुई. पुआल में आग लगने के कारण भाई-बहन समेत चार बच्चों की जान चली गई. इन बच्चों की उम्र 2 से 5 साल के बीच थी. घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चों के शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
मासूम बच्चों की पहचान
घटनास्थल पर पुलिस ने बताया कि मृतकों में 3 लड़के और एक लड़की शामिल हैं. मृत बच्चों की पहचान इस प्रकार हुई:
प्रिंस चातर (5) – अर्जुन चातर के बेटे
साहिल सिंकू (5) – चंद्रमोहन सिंकू के पुत्र
भूमिका सुंडी (5) – सुखराम सुंडी की बेटी
रोहित सुंडी (2) – सुखराम सुंडी के बेटे
घटना स्थल पर पहुंची प्रशासन की टीम
घटना की सूचना मिलते ही एसडीओ महेंद्र छोटन उरांव, बीडीओ सत्यम कुमार, सीओ मनोज मिश्रा और एएसआई अजय सिंह मौके पर पहुंचे. पूरे गांव में बच्चों की दर्दनाक मौत से शोक की लहर दौड़ गई. जिस गांव में यह घटना हुई, वह ओडिशा की सीमा से सटा हुआ है.
आग लगने का कारण और मदद न मिलना
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बच्चे पुआल के ढेर पर खेल रहे थे. तभी अचानक पुआल में आग लग गई और सभी मासूम बच्चे उसकी चपेट में आ गए. पुलिस ने बताया कि जब आग लगी, तो वहां कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, जो बच्चों की मदद कर पाता. जांच के बाद ही यह साफ होगा कि पुआल में आग कैसे लगी और बच्चों की मदद के लिए कोई क्यों नहीं आया.
क्या बच्चों को बचाने का मौका था?
यह सवाल अब पूरे इलाके में उठ रहा है कि जब बच्चों को आग की चपेट में आने का खतरा था, तो क्या किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश की थी? या फिर मदद का कोई अवसर नहीं था? पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है.
संभावित कारणों और प्रशासन की कार्रवाई
इस दर्दनाक हादसे के बाद, प्रशासन ने जल्द से जल्द स्थिति का जायजा लिया और घटनास्थल पर पहुंचकर मृतकों के परिवार को सांत्वना दी. हालांकि, इस घटना ने कई सवालों को जन्म दिया है, जिनका जवाब पुलिस जांच के बाद ही मिलेगा.
संभावित खतरनाक हालात: पुआल में आग कैसे लगी?
अब सवाल यह उठता है कि पुआल में आग कैसे लगी? क्या यह किसी दुर्घटना का परिणाम था, या फिर कुछ और कारण था?
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