रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को झारखंड और बिहार में एक बहुचर्चित जमीन घोटाले के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत बड़ी कार्रवाई की है. यह छापेमारी झारखंड के रांची, बोकारो, रामगढ़ सहित बिहार के कई स्थानों पर एक साथ की गई.
बोकारो में 103 एकड़ वन भूमि के अवैध सौदे का मामला
छापेमारी की सबसे अहम कड़ी बोकारो जिले के तेतुलिया मौजा से जुड़ी है, जहां संरक्षित वन भूमि के 103 एकड़ क्षेत्र को अवैध रूप से बेचा और खरीदा गया. इस सौदे में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग और सरकारी नियमों की खुली अनदेखी सामने आई है. जांच में पता चला है कि इस प्रक्रिया में कुछ सरकारी कर्मियों की संलिप्तता भी रही है.
हरिओम टावर में राजबीर कंस्ट्रक्शन के कार्यालय पर भी दबिश
ईडी की टीम ने रांची स्थित हरिओम टावर में राजबीर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के कार्यालय पर भी छापा मारा है. इस कंपनी के अलावा कई अन्य संस्थानों और व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. जांच एजेंसी का मानना है कि इस कार्रवाई से कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं.
कैसे खुला घोटाले का राज?
इस मामले में सबसे पहले वर्ष 2024 में बोकारो के सेक्टर-12 थाना में एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसके बाद राज्य की सीआईडी ने जांच शुरू की. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जमीन माफिया और BSL (बोकारो स्टील लिमिटेड) के कुछ कर्मियों ने मिलकर वन भूमि की हेराफेरी की थी. आरोप है कि BSL ने संबंधित भूमि वन विभाग को विधिवत हस्तांतरित नहीं की थी. CID की जांच रिपोर्ट के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनाओं को देखते हुए अपनी स्वतंत्र जांच प्रारंभ की.
(IANS)
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