उदित वाणी, रांची: देवघर एयरपोर्ट में कथित तौर पर जबरन घुसने और विमान उड़ाने का दबाव बनाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी को बड़ी राहत दी. अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देनेवाली राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया तथा अदालत ने सांसदों के खिलाफ झारखंड सीआईडी द्वारा की जा रही जांच को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने फैसला देते हुए टिप्पणी की है कि अगर इस मामले में कोई केस बनता भी है, तो वह एयरक्राफ्ट एक्ट के तहत बनता है.
इस एक्ट का मामला केंद्र सरकार के तहत आता है. इसमें राज्य सरकार की सीआईडी का कोई काम नहीं है. ज्ञात हो कि 13 मार्च 2023 को झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई के बाद जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने कुंदा थाने में दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया था और देवघर एयरपोर्ट मामले में सांसद निशिकांत दुबे, उनके दो पुत्रों, सांसद मनोज तिवारी और भाजपा नेता कपिल मिश्रा समेत 9 लोगों को राहत मिली थी. झारखंड हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी करते हुए कहा था कि पुलिस की कार्रवाई दुर्भावना भरा है. हाईकोर्ट ने हा था कि यह मामला पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है. सांसदों पर केस दर्ज करने से पहले सक्षम ऑथोरिटी से अनुमति भी नहीं ली गई.
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