उदित वाणी, घाटशिला: माझी पारगाना माहाल घाटशिला प्रखंड अध्यक्ष सह देश विचार सचिव बाहादुर सोरेन एवं महासचिव सुधीर कुमार सोरेन के नेतृत्व में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 और संशोधित नियम 2012 के तहत धालभूमगढ़ प्रखंड के जगन्नाथपुर और देडांग (काशिडीह) गांवों में वन अधिकार समिति का पुनर्गठन किया गया.
वन अधिकार समिति के उद्देश्यों पर जोर
इस पुनर्गठन का उद्देश्य था कि सभी वंचित दावेदारों को वन पट्टा दिलाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. समिति के सदस्यों को शपथ दिलाई गई कि वे इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे.
जगन्नाथपुर में गठन
जगन्नाथपुर गांव में वन अधिकार समिति का गठन माझीकावा एवं ग्राम प्रधान विक्रम मार्डी की अध्यक्षता में हुआ. समिति में निम्नलिखित सदस्य चुने गए:
- अध्यक्ष: सिताराम मुर्मू
- सचिव: राम प्रसाद कुरु
- सदस्य: कान्छु राम सोरेन, लाक्ष हेम्ब्रम, श्याम सोरेन, विरुध सोरेन, भगवत हेम्ब्रम, अमती ललिता मुर्म, अमली, गावरा सोरेन
देडांग (काशिडीह) में गठन
देडांग (काशिडीह) गांव में माझी बाबा एवं ग्राम प्रधान रतन मुर्मू की अध्यक्षता में समिति का पुनर्गठन किया गया. इसमें निम्नलिखित सदस्य चुने गए:
- अध्यक्ष: मेधराय मुर्मू
- सचिव: शिशुपाल मुर्मू
- सदस्य: मगल मुर्मू, सालखान मुर्मू, रतन मुर्मू, रान्डु हेमाम, प्रेमतो शुरुवाली मुर्म, दुलारी मुर्म, सोमा मुर्मू
वन अधिकार समिति की भविष्य की दिशा
समिति के सदस्यों ने आश्वासन दिया कि वे वन अधिकारों को सुरक्षित करने और दावेदारों को उनके हक दिलाने में हर संभव प्रयास करेंगे.
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