उदित वाणी पोटका: कौवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत पोरादिहा पंचायत के डुंगरिसाई में विगत 21 अगस्त को ब्लास्टिंग के दौरान बैल चराते हुए मनोज पुराण नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। इस घटना में लीज धारक जितेंद्र श्रीवास्तव के घोर लापरवाही से इन्कार नहीं किया जा सकता। ब्लास्टिंग के दौरान यदि वे थोड़ी से सावधानी बरतते तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। ग्रामीणों के अनुसार दीपावली के पटाखे फोड़ने के समान पत्थर खनन के लिए आय दिन ब्लास्टिंग किया जाता था। उस ब्लास्टिंग से आस पास के ग्रामीण हताहत होते थे। लेकिन माइन्स ऑनर को इसकी चिंता नही होता था। ग्रामीणों को इसकी कोई सूचना नही दी जाती थी। ग्रामीणों के घरों के फटी हुई दीवार इसका जीता जागता उदाहरण है। ग्रामीण जब इसका विरोध करते थे तब लीज ऑनर के स्तानीय लठैत उनका जबरन मुँह बंद कर देते थे।दूसरी ओर खनन स्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर कौवाली थाना है। कौवाली पुलिस को भी कभी बिस्फोट की आवाज कान तक नहीं रेंगा। जिस पर वे कभी पूछ ताछ कर सके। नियमानुसार जब भी खदान में ब्लास्टिंग करना होता है तो दो दिन पूर्व लोकल थाना को सूचना देना पड़ता है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। नरीमन इंटरप्राइजेज को बंगाल, ओड़िशा, झारखंड में बिस्फोटक आपूर्ति करने का लाइसेंस निर्गत किया गया है। ब्लास्टिंग से कुछ देर पूर्व लाइसेंस धारी द्वारा बिस्फोटक आपूर्ति करने का प्रावधान है। ब्लास्टिंग के बाद कितना ब्लास्टिंग हुआ वह बिस्फोटक लायसेंसी जांच कर एक रिपोर्ट बनाता है उस रिपोर्ट पर पत्थर लीजधारक का भी हस्ताक्षर होता है। लेकिन यहाँ ऐसा नही किया गया। लिजधारी पहले से ही बिस्फोटक जमा रखते है। अवै
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