रांची: झारखंड की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी ने राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल अंसारी के संविधान और शरीयत को लेकर दिए गए बयान से खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यह मंत्री की निजी राय है और इसका पार्टी से कोई संबंध नहीं है.
कांग्रेस प्रवक्ता बोले – अब इस विवाद को न दोहराएं
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने शुक्रवार को आईएएनएस से बातचीत में कहा—“हफीजुल अंसारी का बयान पूरी तरह उनका निजी विचार है. यह मुद्दा अब बंद हो चुका है, इसे बार-बार उठाना लोकतंत्र और समाज के लिए उचित नहीं.”उन्होंने यह भी कहा—“मंत्री हमारी पार्टी से नहीं हैं. वह किस संदर्भ में यह बात कह रहे थे, वही बेहतर बता सकते हैं.”
क्या था हफीजुल अंसारी का विवादित बयान?
झारखंड के मंत्री हफीजुल अंसारी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था—“शरीयत मेरे लिए बड़ा है. मुसलमान कुरान सीने में और संविधान हाथ में लेकर चलता है. पहले शरीयत, फिर संविधान. मेरा इस्लाम यही कहता है.” इस बयान पर विपक्षी भाजपा ने तीव्र आपत्ति जताई और आंदोलन व प्रदर्शन शुरू कर दिए. इसके बाद मंत्री ने सफाई देते हुए कहा—“मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है. मैंने कभी संविधान का अपमान नहीं किया.”
कांग्रेस का स्पष्ट रुख – संविधान सर्वोच्च
राकेश सिन्हा ने इस पूरे विवाद पर कांग्रेस का रुख स्पष्ट करते हुए कहा— “संविधान इस देश की सबसे बड़ी शक्ति है. सभी संवैधानिक संस्थाएं संविधान के दायरे में काम करती हैं, चाहे वह न्यायपालिका हो या कार्यपालिका.”
उन्होंने आगे कहा— “संविधान की धारा 142 के अंतर्गत न्यायपालिका को मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार है. संविधान ही देश की आत्मा है और इससे ऊपर कोई नहीं है.”
राजनीतिक असर और विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि मंत्री हफीजुल अंसारी की सफाई के बावजूद भाजपा ने विरोध जारी रखा है, और कांग्रेस के इस बयान से स्पष्ट है कि वह आगामी चुनावों को देखते हुए विवादित बयानों से दूरी बनाए रखना चाहती है.इस बयानबाज़ी से झारखंड में धर्म और राजनीति का टकराव एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है.
(IANS)
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