उदित वाणी, रांची: रामनवमी के पावन अवसर पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन के साथ राजधानी रांची स्थित श्रीराम जानकी तपोवन मंदिर, निवारणपुर पहुंचे. यहां उन्होंने विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और झारखंड की उन्नति, सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की.
जय श्रीराम के उद्घोष के साथ दिया एकजुटता का संदेश
पूजन के पश्चात मुख्यमंत्री ने मंदिर प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लगाए. उन्होंने कहा कि रामनवमी झारखंड की सांस्कृतिक विरासत में एक विशेष स्थान रखती है और यह पर्व श्रद्धा, भक्ति और सामाजिक समरसता का प्रतीक है.
श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन हमें संयम, कर्तव्य, आदर्श और समर्पण की शिक्षा देता है. आज के दौर में उनके आदर्शों को अपनाना समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे रामनवमी के संदेश को जीवन में उतारें और समाज में सौहार्द्र बनाए रखें.
ऐतिहासिक है तपोवन मंदिर का महत्व
इस अवसर पर श्री महावीर मंडल के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी साझा किया. उन्होंने बताया कि यह मंदिर वर्षों पुराना है और हर वर्ष रामनवमी के दौरान यहां झारखंड के विभिन्न जिलों से हजारों श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए आते हैं.
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