उदित वाणी, रांची: झारखंड सरकार के मंत्री दीपक बिरुआ ने सोमवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि राज्य में जातिगत जनगणना कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसे गंभीरता से लिया गया है. मंत्री बिरुआ यह जवाब कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के सवाल का उत्तर दे रहे थे, जिन्होंने जातिगत जनगणना के संबंध में जानकारी मांगी थी.
कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव का सवाल
विधायक प्रदीप यादव ने सवाल किया था कि 17 फरवरी 2024 को कैबिनेट ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था, लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक इसका कोई स्पष्ट परिणाम क्यों नहीं आया है. उन्होंने इसे समाज का “एक्स-रे” बताते हुए इसकी तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया.
सरकार का दृष्टिकोण
मंत्री दीपक बिरुआ ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार जातिगत सर्वेक्षण के लिए गंभीर है. उन्होंने बताया कि पिछले साल फरवरी में निर्णय लिया गया था और सरकार अगले वित्तीय वर्ष के दौरान इस सर्वेक्षण को कराने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि इस दिशा में जल्द ही कदम उठाए जाएंगे.
जातिगत जनगणना की बढ़ती मांग
झारखंड में जातिगत जनगणना की मांग लगातार जोर पकड़ रही है. विधानसभा चुनाव के दौरान भी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इस मुद्दे का वादा किया था. दोनों दलों ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा.
जाति जनगणना की स्थिति अन्य राज्यों में
• बिहार: बिहार सरकार ने 2 जून 2022 को जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया था. यह सर्वे दो चरणों में संपन्न हुआ और इसके आंकड़े 2 अक्टूबर 2023 को जारी किए गए. रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की कुल जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख से अधिक है.
• छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ सरकार ने भी जातिगत जनगणना की प्रक्रिया शुरू कर दी है, हालांकि इसकी आधिकारिक प्रगति की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है.
• कर्नाटक: कर्नाटक में 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में जाति आधारित सर्वेक्षण कराया गया था, लेकिन इसके आंकड़े अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.
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