उदित वाणी, रांची: झारखंड सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार शाम 4:00 बजे प्रोजेक्ट भवन में आयोजित की जाएगी. इस बैठक में ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना’ का संशोधित प्रस्ताव पेश किया जाएगा. प्रस्ताव में राज्यकर्मियों, सेवानिवृत्त कर्मियों और विधायकों के लिए स्वास्थ्य बीमा के लाभ और नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा. पिछली कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये तक की सुविधा देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसमें कुछ त्रुटियां रह गई थीं, जिन्हें अब संशोधित किया गया है.
पेंशनरों को प्रीमियम पर बेहतर इलाज
संशोधित स्वास्थ्य बीमा योजना से झारखंड सरकार के करीब डेढ़ लाख पेंशनरों और उनके परिजनों को तय प्रीमियम के आधार पर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी. इससे पहले, योजना में पेंशनरों के लिए सुविधाएं सीमित थीं. अब सरकार ने इसे बढ़ाकर कर्मचारियों के समान लाभ प्रदान करने की पहल की है.
टाटा एआइजी के साथ करार
झारखंड सरकार ने टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा देने के लिए करार किया है. अगर इलाज का खर्च पांच लाख से अधिक होता है, तो बफर स्टॉक से भुगतान किया जाएगा. इसके लिए राज्य आकस्मिकता निधि से 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इनमें 100 करोड़ रुपये योजना के क्रियान्वयन में खर्च होंगे, जबकि 50 करोड़ रुपये राज्य आरोग्य सोसाइटी के बफर स्टॉक के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे.
दो लाख कर्मी करा चुके हैं निबंधन
अब तक करीब दो लाख राज्यकर्मियों और पेंशनरों ने स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए निबंधन कराया है. योजना के तहत कर्मचारियों को सालाना 6000 रुपये प्रीमियम जमा करना होगा. संशोधित प्रस्ताव में पेंशनरों और उनके परिवारों के लिए भी समान सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं.
क्या बदलेगी राज्यकर्मियों की स्वास्थ्य सुरक्षा?
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है. अब यह देखना होगा कि संशोधित प्रस्ताव से कर्मचारियों और पेंशनरों को कितनी राहत मिलती है और यह योजना किस तरह राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देती है.
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