उदित वाणी, बोकारो: केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने बोकारो स्टील प्लांट के मेगा विस्तार योजना का अनावरण किया. इस योजना के तहत ₹20,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा, जिससे संयंत्र की उत्पादन क्षमता 5.25 MTPA से बढ़कर 7.55 MTPA हो जाएगी. यह विस्तार भारत के इस्पात क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 300 MTPA इस्पात उत्पादन के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
संयंत्र का बड़ा ओवरहाल
बोकारो स्टील प्लांट, जिसकी स्थापना 1965 में हुई और पहला ब्लास्ट फर्नेस 1972 में चालू हुआ, अपनी शुरुआत में 1.7 MTPA क्षमता के साथ संचालित था. वर्षों में इसे बढ़ाकर 5.25 MTPA किया गया और अब इसे एक 4500 क्यूबिक मीटर ब्लास्ट फर्नेस, थिन स्लैब कास्टिंग और डायरेक्ट रोलिंग सुविधा, कैल्सिनिंग प्लांट, स्टैम्प-चार्ज कोक ओवन बैटरी और सिंटर प्लांट विस्तार के साथ और भी आधुनिक बनाया जाएगा.
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
इस विस्तार योजना से न केवल इस्पात उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि 2,500 प्रत्यक्ष और 10,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का भी सृजन होगा. इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी.
कार्बन उत्सर्जन में कटौती की प्रतिबद्धता
बोकारो स्टील प्लांट 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को 2.67 टन प्रति टन कच्चे इस्पात से घटाकर 2.2 टन से कम करने के लिए प्रतिबद्ध है. संयंत्र अपनी नवीकरणीय ऊर्जा पहलों को तेज कर रहा है, जिनमें शामिल हैं:
30 मेगावाट फ्लोटिंग सौर ऊर्जा उत्पादन
20 मेगावाट भूमि-आधारित सौर ऊर्जा
SECI के माध्यम से 100 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति
कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम
कुमारस्वामी ने अपनी यात्रा के दौरान तसरा कोयला खदान और चासनल्ला वाशरी का भी निरीक्षण किया. सितंबर 2025 में चालू होने वाली तसरा कोयला खदान से 3.5 MTPA घरेलू कोकिंग कोयले का उत्पादन होगा, जिससे भारत की आयातित कोयले पर निर्भरता कम होगी.
चासनल्ला वाशरी, जिसकी स्थापित क्षमता 2 MTPA है, कोयले में राख की मात्रा को 28% से घटाकर 17% करने के लिए तैयार की गई है, जिससे इस्पात उत्पादन अधिक कुशल बनेगा.
‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर
कुमारस्वामी ने कहा, “तसरा और चासनल्ला का विकास भारत को कोयला आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अनुरूप है।”
इस दौरे में उनके साथ इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा और सेल (SAIL) के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश भी मौजूद थे, जिन्होंने विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी दी.
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