उदित वाणी, रांची: आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत सूचीबध्दता के लिए निजी अस्पतालों को छह माह के अंदर राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा. गौरतलब है कि 10 फरवरी को इन योजनाओं के लिए सूचीबध्द अस्पतालों में पुरानी बीमा की अवधि समाप्त हो गई थी. राज्य सरकार द्वारा नयी बीमा की अवधि शुरू किये जाने की मंजूरी देते हुए हेल्थ बेनिफिट पैकेज-2022 भी लागू कर दी गई है. जिसमें निजी अस्पतालों के लिए कई शर्तें जोड़ दी गई है और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करने का निजी अस्पतालों को आदेश दिया गया है.
इन बीमारियों का होगा मुफत इलाज
इस योजना के तहत अब हार्ट, कैंसर, बोनमेरो ट्रांसप्लांट जैसा महंगा इलाज भी मुफ्त में किया जायेगा. राज्य के 66 लाख से अधिक लाल, पीला और हरा राशन कार्ड धारी परिवार इस योजना का लाभ उठा पायेंगे. हेल्थ बेनिफिट पैकेज के तहत 534 नये पैकेज शामिल किये गये हैं और पुराने पैकेज की कीमतों में भी संशोधन किया गया है. इस पैकेज के जरिये पैलिएटिव केयर पैकेज, हाई एंड प्रोसेस जैसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट और कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी, कार्डियक संबंधित रोग, हाई एंड ड्रग्स के पैकेज और हाई एंड डायग्नोस्टिक्स की प्रक्रियाएं शामिल की गयी है. केवल इलाज ही नहीं बल्कि महंगी से महंगी जांच जैसे कि रेडियोलॉजिक टेस्ट, सिटी स्कैन, एमआरआई, बोन मेरो टेस्ट, बायोप्सी टेस्ट जैसे कई जांच भी मुफत में कराया जा सकेगा.
निजी अस्पतालों को इन शर्तों का करना होगा पालन –
राज्य के शहरी क्षेत्रों के निजी अस्पतालों में न्यूनतम बेड की संख्या 50 होना अनिवार्य किया गया है.
जबकि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के निजी अस्पतालों में न्यूनतम बेड की संख्या 30 की गई है.
वैसे अस्पताल जो केवल डेकेयर के तहत आंख, कान व डायलिसिस की सुविधा दे रहे हैं, उन अस्पतालों के लिए न्यूनतम 5 बेड की संख्या अनिवार्य होगी.
एनएबीएच के तहत सूचीबध्द तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण नई दिल्ली के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे अस्पतालों के लिए बेड की अनिवार्यता नहीं रहेगी.
पूर्व से सूचीबद्ध अस्पतालों को उक्त मानकों को पूरा करने के लिए आदेश के निर्गत तिथि से अधिकतम 6 माह का समय दिया गया है.
नयी सूचीबद्धता के लिए यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.
आयुष्मान योजना को लेकर हेमंत सरकार ले रही अव्यवहारिक फैसला-बाूबूलाल मरांडी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एवं अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किये जाने को लेकर राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम 50 बेड होने के शर्त को अव्यवहारिक बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की धरती से विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत की शुरुआत की थी. लेकिन अब झारखंड सरकार की एक अव्यवहारिक फैसले ने आमजनों के लिए समस्यायें उत्पन्न कर दी है. आयुष्मान भारत के तहत झारखंड सरकार ने नया नियम जारी किया है. जिसमें शहरी क्षेत्र में न्यूनतम 50 बेड और ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम 30 बेड वाले निजी अस्पताल ही योजना में शामिल होंगे. सरकार के इस फैसले से सैकड़ों छोटे अस्पताल बाहर हो जायेंगे. जिससे खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब मरीजों को इलाज में दिक्कत होगी. जहां छोटे अस्पतालों पर निर्भरता ज्यादा है. वैसे मरीजों को अब महंगे और दूर के बड़े अस्पतालों में जाना पड़ेगा. इससे स्वास्थ्य सेवाएं गरीबों के लिए और सीमित हो जायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और इसे तुरंत वापस ले. ताकि कोई भी व्यक्ति आयुष्मान योजना के लाभ से वंचित न हो और अगर कहीं गड़बड़ी हो रही है, तो उसकी जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे. लेकिन ऐसा आदेश न दे, जिससे किसी को आयुष्मान योजना के लाभ से वंचित होना पड़े.
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