उदित वाणी, नई दिल्ली: विश्व थैलीसीमिया दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने शिष्टाचार भेंट की.
सामाजिक चेतना के लिए एकजुटता
इस महत्वपूर्ण दिन पर थैलीसीमिया जैसे गंभीर आनुवांशिक रक्त विकार के प्रति जन-जागरूकता फैलाने हेतु कार्यरत अनेक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. सभी ने मिलकर समाज में इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर विचार-विमर्श किया.
नीतियाँ, प्रयास और सरकारी पहल
चर्चा के दौरान थैलीसीमिया से निपटने हेतु सरकार द्वारा अपनाए गए प्रयासों की भी सराहना की गई. भारत सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए विभिन्न उपाय किए हैं. इनमें निःशुल्क परीक्षण सुविधाएँ, अनुवांशिक परामर्श सेवाएँ, तथा व्यापक जन-जागरूकता अभियान शामिल हैं.
सामूहिक प्रयासों से रोकी जा सकती है बीमारी
विशेषज्ञों का मानना है कि थैलीसीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसे समय पर जांच, सटीक जानकारी और सामूहिक प्रयासों के ज़रिए रोका जा सकता है. इसके लिए समाज, सरकार और चिकित्सा संस्थानों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है.
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