उदित वाणी, चाईबासा: वरिष्ठ भाजपा नेता और चाईबासा चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संस्थापक अनूप कुमार सुल्तानिया ने झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीएनएल) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि जेवीएनएल उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट बिजली ₹6.25 की जगह ₹8.50 में बिजली बेच रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि जेवीएनएल ₹2 प्रति यूनिट की दर में वृद्धि करता है, तो उपभोक्ताओं को ₹10.30 प्रति यूनिट बिजली की कीमत चुकानी पड़ेगी.
बिल में अज्ञात चार्ज का आरोप
सुल्तानिया ने कहा कि जेवीएनएल ने अपने बिलों को इस प्रकार डिज़ाइन किया है कि आम उपभोक्ता आसानी से विभिन्न चार्जों के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं कर सकता है. उनका कहना है कि हर बिल में प्रति यूनिट बिजली के मूल्य के अतिरिक्त 30% से 40% तक विभिन्न चार्ज वसूले जा रहे हैं.
सुल्तानिया का उदाहरण
सुल्तानिया ने अपने फरवरी 2025 के बिजली बिल का उदाहरण पेश किया, जो ₹4837.02 का आया था. उन्होंने बताया कि इस बिल में 571 यूनिट बिजली की खपत के लिए ₹3797.15 का बिल था, जो प्रति यूनिट ₹6.65 बनता है. लेकिन इसके अतिरिक्त कई चार्ज भी लगाए गए हैं, जैसे कि:
1. फिक्स चार्ज – ₹100.91
2. बिजली ड्यूटी – ₹227.83
3. डीपीएस – ₹633.51
4. फ्यूल एडजस्ट चार्ज – ₹76.62
5. अन्य चार्ज – ₹1.00
इन सभी चार्जों के कारण कुल बिल ₹4837.02 तक पहुंच गया. इससे साफ है कि जेवीएनएल द्वारा वसूली जा रही बिजली की दर ₹8.47 प्रति यूनिट पड़ी, जबकि जेवीएनएल ने ₹6.25 प्रति यूनिट की दर का दावा किया था.
जेवीएनएल को पारदर्शिता लाने की अपील
सुल्तानिया ने जेवीएनएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक से मांग की कि वे झारखंड के आम उपभोक्ताओं को यह बताएं कि बिजली की दर के अलावा वे किस प्रकार के चार्ज वसूल रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जैसे व्यापारी अपने सामान के मूल्य में सभी टैक्स जोड़कर उपभोक्ताओं को बताते हैं, वैसे ही जेवीएनएल को भी बिजली की कीमत में सभी चार्ज जोड़कर बतानी चाहिए.
उपभोक्ताओं को अंधेरे में नहीं रखना चाहिए
सुल्तानिया ने कहा कि झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को जेवीएनएल द्वारा अंधेरे में नहीं रखा जाना चाहिए. उन्हें पारदर्शिता के साथ बिजली की वास्तविक कीमत का पता चलना चाहिए, ताकि वे सही तरीके से अपनी खपत और बिल का हिसाब रख सकें.
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