उदित वाणी, आदित्यपुर: आज दिनांक 03 मई को आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में “माइंड मैपिंग: ए पॉवरफुल टूल टू ट्रांसफॉर्म टीचिंग एंड लर्निंग” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में टेल्को स्थित गुलमोहर हाई स्कूल की प्राचार्या प्रीति सिंहा बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित रहीं.
माइंड मैपिंग से रुचिकर बनती है पढ़ाई
प्रीति सिंहा ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से माइंड मैपिंग की उपयोगिता को स्पष्ट करते हुए बताया कि यह तकनीक शिक्षण और अधिगम दोनों को सरल और प्रभावशाली बना देती है. चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत जानकारी मस्तिष्क को तुरंत आकर्षित करती है क्योंकि एक चित्र हजार शब्दों के बराबर होता है. उन्होंने बताया कि माइंड मैपिंग से न केवल विद्यार्थियों की स्मरण शक्ति बढ़ती है बल्कि उनकी अंतर्सूझ और विश्लेषण क्षमता का भी विकास होता है.
कीवर्ड, चित्र और रचनात्मक सोच का संगम
कार्यशाला के दौरान सिंहा ने प्रतिभागियों को सुझाव दिया कि माइंड मैपिंग में लंबे वाक्यों के स्थान पर छोटे-छोटे शब्दों या कीवर्ड्स का प्रयोग होना चाहिए. इससे विचारों को व्यवस्थित करना आसान हो जाता है और छात्रों को जटिल विषय भी सरल प्रतीत होते हैं. कार्यशाला को और अधिक रोचक बनाने के लिए उन्होंने एक पजल-आधारित गतिविधि कराई जिसमें प्रशिक्षुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. इस गतिविधि के ज़रिए उन्होंने माइंड मैपिंग की व्यावहारिक अवधारणा को स्वयं अनुभव किया.
भविष्य के शिक्षकों को मिला मार्गदर्शन
कॉलेज की प्राचार्या डॉ. भाव्या भूषण ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यशाला उनके लिए निश्चित रूप से लाभकारी सिद्ध होगी. उन्होंने कहा कि माइंड मैपिंग जैसी विधियां भविष्य में उन्हें एक प्रभावी शिक्षक बनने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करेंगी.
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