दुगधा पंचायत के 5 एकड़ में फैले 3 तालाबों से एक वर्ष में 10 लाख की आमदनी की जगी उम्मीद
उदित वाणी,गम्हरिया: टीएसएलपीएल के सीएसआर विभाग द्वारा संरक्षित उमूल और धरम आजीविका सखी मंडल की स्वयं सहायता समूह की 21 महिला सदस्य अब वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन के माध्यम द्वारा अपने परिवार के लिए अतिरिक्त आय जुटा रही है। गम्हरिया के दुगधा पंचायत अंतर्गत खुंचीडीह गांव में 5 एकड़ क्षेत्र में फैले 3 तालाबों में मछली पालन से इन महिलाओं को उम्मीद से ज्यादा मछली का उत्पादन मिलने लगा है। तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता के साथ महिलाएं अब व्यवसाय का विस्तार करने के लिए जुट गयी हैं।
टीएसएलपीएल के सीएसआर विभाग ने मेसर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ डेवलपमेंटल एक्टिविटीज (ओडीए) को तकनीकी भागीदार के रूप में नियुक्त किया है, रांची में सखी मंडल के सदस्यों को पांच दिवसीय गहन आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। कंपनी की ओर से सभी प्रकार की सामग्री जैसे फिंगरलिंग्स, ईयरलिंग्स, मछली फ़ीड (ऑयलकेक, पॉलिश चावल आदि), चूना पत्थर, दवाओं का प्रावधान किया और सुनिश्चित किया कि डोमेन विशेषज्ञों द्वारा मासिक दौरे के माध्यम से पुन: प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम सुधार हो। कंपनी दोनों स्वयं सहायता समूहों को मौजूदा सरकारी योजनाओं के माध्यम से अतिरिक्त लाभ पहुंचाने के लिए सरायकेला के मत्स्य पालन विभाग के साथ जुड़ने में सफल रही है। सीएसआर अधिकारी अपना पूरा प्रयास कर रहे हैं ताकि मछली पालन के माध्यम से इन महिलाओं को साल भर में तीन समय का भोजन उपलब्ध हो सके और वे एक सभ्य जीवन जी सकें। महिलाओं ने महज 5 महीने के अंदर ही करीब पचास हजार रुपये की कमाई कर ली है। मछली उत्पादन से उन्हें कुल 10 लाख की आय होने की उम्मीद है। अमूल आजीविका सखी मंडल की श्रीमती सुनीता हंसदा ने भावुक होते हुए कहा कि ‘हम पूरी तरह से केवल मनरेगा कार्यों पर निर्भर थे लेकिन अब हमारे हाथ में मछली का उद्यम है, तो हमारे पास आय का अतिरिक्त स्रोत है। अपनी आय की समस्या का समाधान करने के लिए टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स के आभारी हैं।
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