उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर. टाटा स्टील के स्थायी और ठेका कर्मचारियों के लिए कैंटीन सब्सिडी फिलहाल जारी रहेगी. इससे एक जनवरी से प्रस्तावित मूल्य वृद्धि पर रोक लग गई है. हालांकि, प्रबंधन और यूनियन के वरीय अधिकारियों के शहर से बाहर होने के कारण इस मुद्दे पर अब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है.
सब्सिडी में प्रस्तावित बढ़ोतरी
यूनियन सूत्रों के अनुसार, प्रबंधन ने कर्मचारियों की सब्सिडी पूरी तरह समाप्त करने के बजाय इसे वर्तमान दर में 50 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. अधिकारियों की तुलना में यह बढ़ोतरी आधी रखने की योजना है. वहीं, यूनियन ने ठेका कर्मचारियों के लिए दरों में किसी भी बढ़ोतरी के खिलाफ आपत्ति जताई है. हालांकि, स्थायी कर्मचारियों के लिए पांच साल में एक बार होने वाली वृद्धि के अनुसार आंशिक बढ़ोतरी पर सहमति बन सकती है.
कैंटीन दरों की पुनरीक्षण प्रक्रिया
कैंटीन दरों का पुनरीक्षण हर पांच साल में किया जाता है. पिछली बार वर्ष 2019 में इन दरों में वृद्धि की गई थी. टाटा स्टील यूआईएसएल के कैंटीन में प्रस्तावित दर वृद्धि पर भी संशोधन की मांग की जा रही है.
प्रबंधन का खर्च और आय का अंतर
24 दिसंबर को सीसीएमसी की बैठक में प्रबंधन ने यह जानकारी दी थी कि कैंटीन पर हर साल 42.5 करोड़ रुपए खर्च होते हैं, जबकि आय केवल 5.16 करोड़ रुपए ही होती है. इस वित्तीय अंतर को ध्यान में रखते हुए, प्रबंधन ने अधिकारियों के लिए कैंटीन सब्सिडी को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा था.
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टाटा स्टील के कर्मचारियों को मिलने वाली कैंटीन सब्सिडी पर कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा.
आगामी जनवरी में कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित मूल्य वृद्धि को टाला गया है.
अगले सप्ताह इस विषय पर प्रबंधन और यूनियन के बीच पुनः चर्चा हो सकती है.
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