उदित वाणी, जमशेदपुर: आज दिनांक 16 दिसम्बर, सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें संथाली भाषा दिवस की तैयारियों पर चर्चा की गई. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बाबा तिलका माँझी पार्क, बेलटाँड़ में 22 दिसम्बर को 22वां संथाली भाषा दिवस मनाया जाएगा.
कार्यक्रम का विवरण
कार्यक्रम की रूपरेखा निम्नलिखित होगी:
1. सुबह की पूजा अर्चना – सुबह 9:00 से 9:30 बजे तक.
2. माल्यार्पण – 10:00 से 10:30 बजे तक.
3. कविता पाठ – 11:30 बजे से 12:30 बजे तक.
4. अतिथि स्वागत – दोपहर 12:30 से 1:30 बजे तक.
5. मुख्य अतिथि का संबोधन – 1:30 से 2:30 बजे तक.
6. सांस्कृतिक कार्यक्रम – 2:30 से 4:00 बजे तक.
संथाली लिपि की पहल
संथाली भाषा दिवस के उपलक्ष्य में, एक विशेष ओलचीको बोर्ड लगाया जाएगा. यह बोर्ड 22 दिसम्बर से 7 जनवरी 2025 तक प्रत्येक गांव में स्थापित किया जाएगा.
बैठक में उपस्थित सदस्य
बैठक की अध्यक्षता वसंत कुमार मुर्मू ने की. इस बैठक में जीतुलाल मुर्मू, बारहा दिसोम गोडेत दिवाकर टुडू,, हरिहर टुडू, अजय मुर्मू, शंकर माण्डी, सागर माण्डी, सुकदेब हेंब्रम, हाराधन माण्डी, सुनील हांसदा, दशरथ बेसरा, बलराम सोरेन जीतेन्द्र नाथ मुर्मू, धनंजय मुर्मू, नगेने वास्के भरत बास्के, मंटु बास्के सूर्यनारायण हाँसदा, शारदा हेम्ब्रम, लखीराम माझी, चुनाराम बास्के, कृष्ण पद हेम्ब्रम, सुभाष हेम्ब्रम, सुनील माझी, हरिपद सोरेन, हलधर टुडू, जलधर टुडू , कालीपद बेसरा, आदी चालीस गांव के मांझी बाबा उपस्थित थे
संथाली भाषा के उत्थान में योगदान
इस बैठक में विशेष रूप से संथाली भाषा के संरक्षण और प्रचार पर बल दिया गया. ओलचीको बोर्ड की स्थापना और संथाली भाषा दिवस के आयोजन से क्षेत्रीय भाषा के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य है.
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