उदित वाणी, जमशेदपुर: मानगो स्थित वसुंधरा स्टेट में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा का समापन बुधवार को हुआ. कथा के अंतिम दिन, वृंदावन से आए स्वामी बृजनंदन शास्त्री महाराज ने अपने प्रवचन में जीवन के महत्व और संतुष्टि की बात की. उन्होंने कहा कि “व्यक्ति कितना भी पैसा कमा ले, जब तक संतुष्टि नहीं होती, तब तक उसे सुख नहीं मिल सकता. संतोष ही सबसे बड़ा धन है.”
किस्मत और संतोष का महत्व
स्वामी बृजनंदन शास्त्री ने यह भी कहा कि लोग कहते हैं कि जीवन किस्मत की बात है, लेकिन सच यह है कि किस्मत बनाना भी व्यक्ति के हाथ में है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गरीब सोचता है धनवान सुखी है, धनवान सोचता है राजा सुखी है, राजा सोचता है महाराज सुखी है, और महाराज सोचता है इंद्र सुखी है, जबकि इंद्र सोचता है ब्रह्मा सुखी है. लेकिन, बिना भगवान के भजन के पूरा संसार दुखी है. इसलिए सुख और शांति का मार्ग परमात्मा के स्मरण में ही है.
कथा में भक्ति प्रसंग और महिमा
स्वामी महाराज ने कथा के दौरान तारकासुर वध और कार्तिकेय चरित्र की महिमा पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि भगवान शिव की पूजा से मनुष्य जीवन के भवसागर को पार कर सकता है और मोक्ष प्राप्त कर सकता है. वे बोले, “कालों के काल महाकाल शिव शंकर भोलेनाथ के पावन चरित्र को सुनने से सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं.”
कथा में उपस्थित लोग
समापन समारोह में उमाशंकर शर्मा, कृपा शंकर शर्मा, रमाशंकर शर्मा, गिरजा शंकर शर्मा, कृष्णा शर्मा, संतोष शर्मा, विश्वनाथ शर्मा, रामानंद शर्मा, रविंद्र कुमार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
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