उदित वाणी, जमशेदपुर: महाकुंभ 2025, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने वाला एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उत्सव होगा, जिसमें आधुनिक डिजिटल प्रगति और सनातन धर्म की पवित्र परंपराएं एक साथ दिखाई देंगी. यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र होगा, बल्कि तकनीकी नवाचारों के द्वारा श्रद्धालुओं के अनुभव को एक नई दिशा देगा. इस बार महाकुंभ में उच्च तकनीकी सुरक्षा उपायों, डिजिटल भूमि आवंटन, और वर्चुअल रियलिटी अनुभव जैसी सुविधाओं के साथ, सनातन संस्कृति और तकनीकी विकास का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा.
साइबर सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान
महाकुंभ 2025 के आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, एक विशेष साइबर सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की गई है. इसके तहत 56 समर्पित साइबर योद्धाओं और विशेषज्ञों की तैनाती की गई है. साइबर अपराधों से निपटने के लिए महाकुंभ साइबर पुलिस स्टेशन भी स्थापित किया गया है, जो धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों और सोशल मीडिया घोटालों पर कड़ी नजर रखेगा. इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में 40 वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले (VMD) लगाए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं को साइबर खतरों से जागरूक किया जा सके.
360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी स्टॉल्स का अनुभव
कुंभ 2019 से प्रेरित होकर, महाकुंभ 2025 में तीर्थयात्रियों के लिए 360 डिग्री वर्चुअल रियलिटी स्टॉल्स लगाए जाएंगे. इन स्टॉल्स पर प्रमुख आयोजनों जैसे पेशवाई, शाही स्नान और गंगा आरती के विशेष फुटेज दिखाई जाएंगी. इस डिजिटल अनुभव के जरिए श्रद्धालु महाकुंभ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को एक नई दृष्टि से महसूस कर सकेंगे.
भूमि आवंटन और डिजिटलीकरण की पहल
महाकुंभ 2025 में भूमि आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटलीकरण किया गया है. अब श्रद्धालु और धार्मिक संगठन आसानी से “महाकुंभ भूमि एवं सुविधा आवंटन” साइट के माध्यम से ऑनलाइन भूमि और सुविधाओं का आवंटन कर सकते हैं. इस प्रक्रिया में ड्रोन सर्वेक्षण, लाइव ट्रैकिंग जैसी सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्रत्येक कार्य को पारदर्शी और त्वरित रूप से किया जा सके. Google Maps पर सहज Navigation के लिए आवश्यक जनता की सुविधा के लिए GIS आधारित मानचित्र उपलब्ध हैं. इनमें आपातकालीन सेवाएं, पुलिस स्टेशन, चौकियां, कमांड और कंट्रोल सेंटर, अस्पताल, पार्किंग क्षेत्र, फूड कोर्ट, वेंडिंग जोन, शौचालय, पंटून पुल, सड़कें आदि शामिल हैं. इस पारदर्शी व्यवस्था से साधु-संतों और संस्थाओं का काम बिना कतार में लगे आसानी से और तेजी से हो रहा है.
Under Water Drone: सुरक्षा की नई तकनीकी पहल
महाकुंभ 2025 में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब पानी के नीचे ड्रोन का उपयोग किया जाएगा, जो चौबीसों घंटे निगरानी करेंगे. ये ड्रोन अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं, जो उन्हें कम रोशनी में भी लक्ष्यों की सटीक ट्रैकिंग करने में सक्षम बनाती है. इन ड्रोन की खासियत यह है कि ये 100 मीटर तक गहरे पानी में गोता लगा सकते हैं और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को रियल टाइम में गतिविधियों की रिपोर्ट भेज सकते हैं. इन्हें दूर से संचालित किया जा सकता है, जिससे पानी के नीचे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या घटना की तत्काल जानकारी मिलती है और त्वरित कार्रवाई संभव हो पाती है. यह पहल महाकुंभ के आयोजन में सुरक्षा की नई ऊंचाइयों को छुएगी.
रिमोट-नियंत्रित जीवन रक्षक उपकरण: सुरक्षा में तकनीकी क्रांति
महाकुंभ 2025 में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रिमोट-नियंत्रित लाइफ बॉय का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. यह जीवन रक्षक उपकरण पानी के किसी भी स्थान पर तेजी से पहुंच सकते हैं और आपातकालीन स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा सकते हैं. इन उपकरणों की मदद से सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों को हर पल सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है. यह पहल महाकुंभ में सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस संचालित कैमरे: निगरानी में नवीनतम तकनीकी युग
महाकुंभ 2025 में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक एआई-संचालित कैमरों का उपयोग किया जा रहा है. इन कैमरों के अलावा, निगरानी व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए ड्रोन, एंटी-ड्रोन और टेथर्ड ड्रोन को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है. यह तकनीकी उपाय हर गतिविधि की सटीक और तत्काल पहचान करने में सक्षम हैं, जिससे सुरक्षा की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा सकती है. AI और Drone तकनीक के संयोजन से, महाकुंभ में सुरक्षा के स्तर को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया गया है.
भक्तों की सुरक्षा में नई तकनीकी पहल
महाकुंभ 2025 में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इसके तहत रिमोट-नियंत्रित जीवन रक्षक उपकरणों, पानी के नीचे निगरानी के लिए ड्रोन और AI-संचालित कैमरों का उपयोग किया जा रहा है. इन उपकरणों के द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और हर गतिविधि पर वास्तविक समय में निगरानी रखी जाएगी. इसके अलावा, खोए हुए तीर्थयात्रियों की पहचान और उनके परिवारों से मिलाने के लिए हाई-टेक खोया-पाया पंजीकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं.
ऑनलाइन बुकिंग और आरामदायक आवास सुविधाएं
महाकुंभ ग्राम में ठहरने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था शुरू की गई है. IRCTC, Make My Trip, और Go ibibo जैसी कंपनियों के माध्यम से श्रद्धालु आराम से अपने ठहरने की बुकिंग कर सकते हैं. टेंट सिटी में प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था होगी, जिससे श्रद्धालुओं को उच्च स्तर की सुरक्षा और सुविधा प्राप्त होगी.
महाकुंभ 2025 का भविष्य
महाकुंभ 2025, आध्यात्मिकता और प्रौद्योगिकी के सहज सहयोग से एक दिव्य और डिजिटल समागम का रूप लेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और उत्तर प्रदेश सरकार की निरंतर कोशिशों से यह महाकुंभ आस्था, नवाचार और वैश्विक सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनेगा. यह आयोजन न केवल भारतीय संस्कृति की शक्ति को प्रस्तुत करेगा, बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालुओं के बीच एकता और सामूहिकता की भावना को भी प्रगाढ़ करेगा.
संभावनाओं और परंपराओं का अद्भुत मिलाजुला संगम
महाकुंभ 2025 में केवल तकनीकी पहलुओं का ही ध्यान नहीं रखा गया है, बल्कि इस आयोजन के दौरान सनातन धर्म की प्राचीन परंपराओं और संस्कृति को भी पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. यह महाकुंभ विश्वास, परंपरा और समकालीन नवाचारों के सामंजस्यपूर्ण मिलाजुला का एक आदर्श उदाहरण बनेगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नई दिशा मिलेगी.
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