उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के मारवाड़ी सम्मेलन ने समाज को गति और मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से एक बैठक आयोजित की, अग्रसेन भवन, साकची में सम्पन्न हुई. इस बैठक में जिले की सभी शाखाओं से बड़ी संख्या में युवा, नारीशक्ति और बुजुर्ग सदस्य उपस्थित हुए.
बैठक का उद्देश्य और मुख्य विषय
बैठक का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता को मजबूत करना और उसे बेहतर बनाने के उपायों पर विचार करना था. समाज के लिए स्थायी कार्यालय की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई, साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिए एक ठोस रूपरेखा तैयार की गई. बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने और उन्हें सहयोग देने के लिए कदम उठाए जाएं. इसके अतिरिक्त, आगामी राजस्थान दिवस 2025 के भव्य आयोजन की तैयारियों पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ.
सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों की योजना
बैठक में विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन पर भी चर्चा की गई. ये कार्यक्रम न केवल समाज को एकजुट करेंगे, बल्कि इसे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी मदद करेंगे.
सम्मेलन के अध्यक्ष मुकेश मित्तल का संदेश
मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष मुकेश मित्तल ने सभा की शुरुआत स्व. मुरली बाबू, स्व. सत्यनारायण मित्तल और स्व. चिमनलाल भालोटिया को याद करते हुए की. उन्होंने सम्मेलन के 90वें स्थापना दिवस पर सदस्यों को बधाई दी और सम्मेलन के इतिहास पर प्रकाश डाला. मुकेश मित्तल ने कहा कि मारवाड़ी सम्मेलन जाति से ऊपर उठकर एक ऐसी संस्था बन गई है, जो भारतीय संविधान का एक छोटा सा दर्पण है. उन्होंने सम्मेलन को मारवाड़ी समाज की आवाज बताया और समाज को संगठित करने, सामाजिक समरसता लाने और कुरीतियों के खिलाफ काम करने पर जोर दिया.
सकारात्मक प्रतिस्पर्धा और समाज की एकता
मुख्यमंत्री की तरह, मित्तल ने समाज में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा और एकता को बढ़ावा देने की बात की. उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहिए ताकि मारवाड़ी समाज की पहचान और मजबूती बनी रहे.
सम्मेलन के अन्य प्रमुख सदस्यों के विचार
बैठक में मारवाड़ी सम्मेलन के संरक्षक बीजू चौधरी, राजस्थान सेवा सदन के अध्यक्ष दिलीप गोयल, बाजार समिति के अध्यक्ष दीपक भालोटिया, और अन्य प्रमुख सदस्यों ने भी अपने विचार साझा किए. इन सदस्यों ने समाज की बेहतरी के लिए विभिन्न सुझाव दिए और एकजुटता को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया.
क्या मारवाड़ी समाज इस पहल से एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा?
क्या मारवाड़ी सम्मेलन की इस पहल से समाज को न केवल एकजुट किया जा सकेगा, बल्कि यह एक नई दिशा और पहचान प्राप्त करेगा? यह सवाल अब समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी और सहयोग पर निर्भर करेगा.
समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इनमें शम्भू खन्ना, प्रदीप मिश्रा, ललित गढ़वाल, और कई अन्य शामिल थे. इस प्रकार की बैठकें मारवाड़ी समाज को एकजुट करने और उसे एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का संकल्प
सभी ने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का संकल्प लिया, ताकि आने वाले समय में मारवाड़ी समाज का प्रभाव और पहचान और मजबूत हो सके.
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