उदित वाणी, जमशेदपुर: गोलमुरी स्थित हेमकुंड पब्लिक स्कूल में विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों के लिए एक विशेष ध्यान शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का उद्देश्य बच्चों को मानसिक शांति और ध्यान के महत्व से अवगत कराना था.
ध्यान और प्रार्थना का महत्व विद्यार्थियों से साझा करते हुए
ध्यान शिविर में बच्चों को विभिन्न प्रकार के ध्यान और प्रार्थना कराई गई. इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक पारस नाथ मिश्र ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ध्यान का निरंतर अभ्यास व्यक्ति को लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद करता है. उन्होंने बताया कि ध्यान प्रकृति और ईश्वर से जुड़ने का एक शक्तिशाली माध्यम है और इससे अच्छे संस्कार भी विकसित होते हैं. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि ध्यान बच्चों में चिड़चिड़ापन, पढ़ाई में ध्यान की कमी, अत्यधिक चंचलता और कम याददाश्त जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है.
ध्यान की दिनचर्या में महत्व
विद्यालय में प्रतिदिन छात्रों को एकाग्रता बढ़ाने, दिमाग को तीव्र करने और अच्छे संस्कारों के विकास के लिए पांच मिनट का ध्यान अभ्यास कराया जाता है. आज के विशेष अवसर पर विद्यार्थियों को ग्रेटीट्यूड प्रेयर, ड्रीम प्रेयर और श्वास पर केंद्रित ध्यान सिखाया गया.
संगठित प्रार्थना और बच्चों का संकल्प
विद्यालय के निदेशक ने विद्यार्थियों से प्रार्थना के रूप में यह वचन लिया कि वे प्रतिदिन घर पर भी ध्यान का अभ्यास करेंगे. इस वचन को “प्रॉमिस प्रेयर” के रूप में किया गया, जिससे बच्चों में ध्यान के प्रति जिम्मेदारी का अहसास हो.
ध्यान के दौरान भावुक हुई छात्रा
ध्यान शिविर के दौरान स्टैंडर्ड फॉर की छात्रा प्रीतम कुमारी अत्यंत मगन होकर ध्यान कर रही थी. अचानक वह भावुक हो गई और उसकी आँखों से आंसू बहने लगे. विद्यालय के निदेशक पारस नाथ मिश्रा ने उसका हौंसला बढ़ाया और उसे सम्मानित किया. जब प्रीतम से आंसू बहने का कारण पूछा गया, तो उसने कहा कि ग्रेटीट्यूड प्रेयर के दौरान वह अपने माता-पिता और अपने जीवन के लक्ष्य के बारे में सोचते हुए भावुक हो गई और आंसू स्वयं गिरने लगे
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