उदित वाणी, जमशेदपुर: चौका के जयदा मंदिर के पीछे स्थित बलिडीह, स्वर्णरेखा नदी के किनारे बाघ के पंजे का निशान मिला है. इसके साथ ही नदी किनारे मल भी पाया गया है. यह इलाका टूल ग्राम जंगल के पास है, जहाँ मंगलवार को बाघ ने एक बैल का शिकार किया था. इस घटना के बाद वन विभाग की टीम बाघ की तलाश में जंगल में जुटी हुई है.
वन विभाग की सक्रियता
बाघ की ट्रैकिंग के लिए जंगल में आधा दर्जन से अधिक ट्रैकिंग कैमरे लगाए गए हैं. चांडिल रेंजर शशि प्रकाश ने जानकारी दी कि नदी के किनारे बाघ के पंजे के निशान मिले हैं, जिससे यह पुष्टि हो गई है कि जंगल में बाघ मौजूद है. ट्रैकिंग कैमरे पेड़ों पर लगाए गए हैं और गुरुवार की सुबह कैमरों की रिकॉर्डिंग की जांच की जाएगी. अगर कैमरों में बाघ कैद होता है, तो वन विभाग आगे की कार्रवाई करेगा और बाघ को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बुलाई जाएगी. बाघ को बेहोश करने के लिए एयर गन का इस्तेमाल किया जाएगा.
ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी
इस बीच, वन विभाग ने जंगल के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है. बाघ के इलाकों में मौजूद होने के कारण ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है. शाम होते ही लोग अपने घरों में छिपने को मजबूर हो रहे हैं. बाघ के कारण टूल ग्राम, घाट डुलमी, झुरगु, पलगाम, खूंटी, करली, मूसारी, बेद पाल स्टैंड, केदर्दी पालन, कोक बेड़ा रेडी और आसपास के गांवों के लोग दहशत में हैं. इन गांवों में बुधवार को भी माइकिंग के जरिए ग्रामीणों से जंगल में न जाने और सतर्क रहने की अपील की गई थी. वन विभाग की एक टीम भी इन इलाकों में निगरानी कर रही है.
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