उदितवाणी, चाकुलिया : उड़ीसा के सिमलीपाल राष्ट्रीय रिजर्व पार्क से भटक कर आई बाघिन ने चाकुलिया वन क्षेत्र के चियाबांधी जंगल में शरण ले ली है. बुधवार को वन विभाग को सूचना मिली कि जीनत नाम की तीन वर्षीय बाघिन चियाबांधी के जंगल में छिपी हुई है. इससे पहले, मंगलवार को वह चाकुलिया शहरी क्षेत्र से कुछ किलोमीटर दूर गदरसोल के जंगल में पाई गई थी. बाघिन के गले में लगे रेडियो कॉलर और सेटेलाइट ट्रैकिंग के माध्यम से वन विभाग की टीम ने उसकी स्थिति का पता लगाया.
बाघिन पकड़ने के लिए संयुक्त प्रयास
इस बाघिन को पकड़ने के लिए उड़ीसा और झारखंड के 90 वनकर्मियों की टीम जुटी हुई है. बाघिन पिछले रविवार को गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र में भटकते हुए पहुंची थी, और अब लगातार अपना स्थान बदल रही है. वन विभाग का मानना है कि बाघिन भूखी हो सकती है, क्योंकि उसे अब तक बड़ा शिकार नहीं मिला है. इसे पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा पिंजरा भी लगाया गया है और भैंस का भी इंतजाम किया गया है ताकि बाघिन को भोजन के रूप में आकर्षित किया जा सके.
ओडिशा और झारखंड की टीमों का समन्वित प्रयास
उड़ीसा वाइल्डलाइफ के 20 कर्मी इस बाघिन पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं, चाकुलिया वन क्षेत्र और आसपास के 70 वनकर्मी बाघिन की घेराबंदी में जुटे हुए हैं. टीमों को अलग-अलग पाली में काम सौंपा गया है. बुधवार को बाघिन की उपस्थिति की जानकारी मिलने के बाद, वनकर्मियों ने जंगल को चारों ओर से घेर लिया.
ग्रामीणों की भीड़ से सतर्कता
जब यह सूचना फैली कि बाघिन चियाबांधी जंगल में है, तो हजारों ग्रामीण जंगल के आसपास जमा हो गए. इससे पहले कि कोई अप्रिय घटना घटित हो, वन विभाग को पुलिस की मदद लेनी पड़ी. थाना प्रभारी संतोष कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया और लोगों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी. वन विभाग का मानना है कि सघन भीड़ देखकर बाघिन हमलावर हो सकती है, इसलिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है.
अधिकारियों की निरंतर निगरानी
वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने कर्मचारियों को लगातार निर्देश दिए हैं और पूरे अभियान पर नजर बनाए रखी है. समाचार लिखे जाने तक बाघिन चियाबांधी जंगल में ही मौजूद थी. वन विभाग इस बाघिन को सुरक्षित तरीके से पकड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है.
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