उदितवाणी, घाटशिला: बागजाता माइंस रेंज समूह के मजदूरों ने यूसिल प्रबंधक द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन का उल्लंघन किए जाने के विरोध में द्वितीय पाली से बागजाता माइंस जाने वाली सड़क को अनिश्चितकालीन बंदी कर दी है.
मजदूरों का आंदोलन और यूसिल का आश्वासन
मजदूरों ने बताया कि पिछले 8-9 महीनों से बागजाता माइंस के रेंज समूह के मजदूरों का काम बंद था, जिसके कारण उन्हें कार्य से हटा दिया गया था. इस पर मजदूरों ने आंदोलन करने का निर्णय लिया था. यूसिल प्रबंधक ने मजदूरों से बातचीत कर 2 दिसंबर को लिखित आश्वासन दिया था कि 16 दिसंबर से काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके बाद मजदूरों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था.
वादाखिलाफी के कारण आंदोलन फिर से शुरू
लेकिन, 16 दिसंबर को काम शुरू न होने के बाद यूसिल प्रबंधक द्वारा एक पत्र जारी किया गया, जिसमें आगामी 23 दिसंबर तक काम शुरू करने का आदेश दिया गया था. इससे मजदूरों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने अपना आंदोलन फिर से शुरू कर दिया. मजदूरों ने सोमवार से बागजाता माइंस जाने वाली सड़क को अनिश्चितकालीन बंद कर दिया. इसके कारण द्वितीय पाली के मजदूर बागजाता माइंस नहीं पहुंच सके और काम ठप हो गया.
मजदूरों का स्पष्ट संदेश
मजदूरों ने आरोप लगाया कि यूसिल प्रबंधक उनके साथ बार-बार वादाखिलाफी कर रहे हैं, जिससे उन्हें सड़क जाम जैसे विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. मजदूरों का कहना है कि जब तक उन 41 मजदूरों को बहाल नहीं किया जाता, तब तक बागजाता माइंस का काम बंद रहेगा.
उपस्थित मजदूरों की सूची
इस आंदोलन में प्रभात हांसदा, सुभाष महली, संग्राम सोरेन, लादू सोरेन, जगन्नाथ भकत, रूइदास कैबर्ता, सूजन मार्डी, भादो राम हांसदा, मुची राम भकत, सहदेव कैबर्ता, श्याम चरण हांसदा, राय टुडू, निवारण कैबर्ता सहित अन्य मजदूर शामिल थे.
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