उदित वाणी, घाटशिला: घाटशिला अनुमंडल के ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. मंगलवार देर रात झांटिझरना पंचायत के सिंदरीआम गांव में एक हाथी ने अचानक धावा बोलकर विजय सिंह का घर तोड़ डाला और वहां रखा कई मन धान लापता हो गया.
रात में अचानक हमला, घर उजड़ा
पीड़ित विजय सिंह के अनुसार, रात करीब 11 बजे हाथी ने गांव में प्रवेश किया और उनके तीन मिट्टी के घरों को तहस-नहस कर दिया. जब उसे वहां धान नहीं मिला तो उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने पक्के घर को भी निशाना बनाया और उसमें रखा पूरा धान खा गया. इस दौरान घर के लोग अंदर सो रहे थे, लेकिन जब दिवाल गिरने की तेज आवाज आई तो वे जाग गए. हालांकि, हाथी के आक्रोश को देखकर बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके.
लगातार हमलों से सहमे ग्रामीण
यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले चाकुलिया और बहरागोड़ा में कई घरों को हाथियों ने तोड़ डाला था. दो दिन पहले बहरागोड़ा में एक युवक को हाथी ने पटककर मार डाला था. इससे पहले झांटीझरना क्षेत्र में बाघ की दहशत से ग्रामीण सहमे हुए थे, जिसके कारण बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे थे और लोग शाम के बाद घरों से बाहर नहीं निकलते थे. अब जंगली हाथियों के डर ने उन्हें सूर्यास्त से पहले ही घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है.
वन विभाग से मिली सहायता का आश्वासन
विजय सिंह ने इस घटना की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी है, जिन्होंने उन्हें मुआवजा देने का आश्वासन दिया है. लेकिन इससे ग्रामीणों की चिंता कम नहीं हुई है. घाटशिला अनुमंडल के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोग लगातार हाथियों के डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
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