उदित वाणी, घाटशिला: जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू की पहल पर आजादी के 77 साल बाद माकुली गांव के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिलेगा. भादुआ पंचायत अन्तर्गत पहाड़ के तलहटी पर बसा दुर्गम गांव माकुली में छः आदिवासी परिवार रहते है. राजस्व गांव की आबादी लगभग तीस है. मुख्य सड़क से कटा होने व आवागमन की सुविधा नहीं के कारण आज तक बोरिंग संभव नहीं हो पाया था. जिस कारण ग्रामीण खाल व गड्ढे का पानी पी रहे थे. जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू ने ग्रामीणों की समस्या पर संज्ञान लिया. श्रीमती मुर्मू स्वयं बोरिंग गाड़ी लेकर माकुली जंगल पहुंचे.
उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से गाड़ी को गांव तक पहुंचाया.उसके बाद बोरिंग कार्य प्रारंभ हो सका. ग्रामीणों ने हर्ष व्यक्त करते हुए जिला परिषद सदस्य देवयानी मुर्मू के प्रति आभार प्रकट किया. ग्रामीण अब चापाकल का शुद्ध पानी पी सकेंगे. श्रीमती मुर्मू पहली बार माकुली गांव पहुंची थी.श्रीमती मुर्मू ने कहा कि गांव तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. इसलिए स्वीकृति के बावजूद चापाकल हेतू बोरिंग संभव नहीं हो पा रहा था. इस मौके पर ग्राम प्रधान विजय तियू,सिंगराय तियू,मुनिराम हांसदा, जोगेंद्र तियू,चक्र तियू,श्रीधर बानरा, सामू बानरा,बाहामुनि तियू, निमशी तियू,नितिमा तियू, पशुआ बानरा,तुलसी बानरा,मानकी हांसदा समेत अनेक ग्रामीण उपस्थित थे.
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