उदित वाणी, घाटशिला: घाटशिला प्रखंड कार्यालय के सभागार में प्रखंड स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख सुशीला टुडू ने की. इस दौरान बाल विवाह रोकने और बच्चों के अधिकार सुनिश्चित करने के विषय पर गंभीर चर्चा हुई.
बाल विवाह: एक सामाजिक चुनौती
आदर्श सेवा संस्थान की ओर से गुड्डी सिंह और मनोज मिश्रा ने बाल विवाह के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक किए बिना इस कुप्रथा को समाप्त करना संभव नहीं. शिक्षा को बच्चों का मुख्य अधिकार बताते हुए उन्होंने बाल विवाह के कारणों और इसके प्रभावों पर जोर दिया. बताया गया कि तलाक के 60 प्रतिशत मामले बाल विवाह से जुड़े होते हैं. इसके अलावा, कुपोषित बच्चों का जन्म और कई स्वास्थ्य समस्याएं भी इसका परिणाम हैं.
गांव स्तर पर समिति सशक्त करने की आवश्यकता
संस्थान ने सुझाव दिया कि गांव स्तरीय बाल संरक्षण समितियों को सशक्त किया जाना चाहिए. पंचायत प्रतिनिधियों को बच्चों के अधिकारों के प्रति अधिक संवेदनशील होने और जागरूकता फैलाने की भूमिका निभाने की सलाह दी गई.
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
प्रखंड विकास पदाधिकारी यूनिका शर्मा ने पंचायत प्रतिनिधियों को बताया कि बाल विवाह में शामिल हर व्यक्ति, चाहे वह पुजारी हो, टेंट संचालक हो या अन्य कोई, कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है. उन्होंने कहा कि बाल विवाह की सूचना तुरंत थाने या पंचायत प्रतिनिधि को दें, ताकि इसे रोका जा सके.
व्यापक सहभागिता
बैठक में विभिन्न पंचायतों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और अन्य विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए. यह बैठक बाल संरक्षण के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।