उदित वाणी, कांड्रा: गम्हरिया प्रखंड परिसर के सभागार में बाल विकास परियोजना की ओर से एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं को फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) और पोषण ट्रैकर ऐप से संबंधित जानकारी दी गई.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
प्रशिक्षण का नेतृत्व कर रहीं पुतुल सिंह ने बताया कि गम्हरिया प्रखंड की 56 आंगनबाड़ी सेविकाओं को फेस रिकॉग्निशन सिस्टम के माध्यम से पोषाहार वितरण की प्रक्रिया समझाई गई. इस नई तकनीक से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पोषाहार केवल वास्तविक लाभुकों तक ही पहुंचे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो.
गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को होगा लाभ
यह सिस्टम विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और अति कुपोषित बच्चों के लिए फायदेमंद होगा. इस तकनीक को पोषण ट्रैकर ऐप से जोड़ा गया है, जहां प्रत्येक लाभुक का चेहरा स्कैन किया जाएगा. इसके बाद, आधार लिंक के माध्यम से उनकी पहचान की पुष्टि होगी और फिर उन्हें नियमानुसार पोषाहार वितरित किया जाएगा.
बेनामी लाभुकों की समस्या होगी खत्म
अब तक पोषाहार वितरण में कई शिकायतें आई थीं, जिनमें बेनामी लाभुकों के नाम पर पोषाहार उठाने की गड़बड़ियां सामने आई थीं. लेकिन फेस रिकॉग्निशन सिस्टम लागू होने से यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी. क्योंकि अब केवल वही लाभुक पोषाहार प्राप्त कर पाएंगे, जो व्यक्तिगत रूप से केंद्र पर उपस्थित होंगे.
यह तकनीकी बदलाव पोषण वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ लाभुकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मददगार साबित होगा.
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