उदित वाणी, जमशेदपुर: वसंत पंचमी के अवसर पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए शहर के कलाकार मूर्ति निर्माण को अंतिम रूप देने जुट गए हैं. शैक्षणिक संस्थानों सहित कई स्थानों पर उनकी भव्य आराधना की जाएगी. विद्यार्थियों में इस पर्व को लेकर विशेष उत्सुकता देखी जा रही है. सुंदर और आकर्षक मूर्तियों के लिए युवा एवं छात्र कारीगरों के पास पहुंच रहे हैं. कई श्रद्धालु अपनी पसंद के अनुसार मूर्तियां बनवाने के लिए सुझाव भी दे रहे हैं और अग्रिम बुकिंग करवा रहे हैं.
मूर्तिकारों की बढ़ी व्यस्तता
स्थानीय मूर्तिकारों का कहना है कि कई श्रद्धालु पहले ही बुकिंग करा चुके हैं. प्रतिमा गढ़ रहे मूर्तिकारों का कहना है कि बढ़ती महंगाई का असर मूर्ति निर्माण पर पड़ा है. लोग किफायती मूर्तियां खरीदना चाहते हैं. 1500 रुपये से लेकर 5500 रुपये तक की मूर्तियां उपलब्ध हैं. प्रतिमा निर्माण चार चरणों में पूरा किया जाता है—पहले चरण में लकड़ी और पुआल का ढांचा तैयार होता है, दूसरे में मिट्टी से आकार और भाव-भंगिमा उकेरी जाती है, तीसरे में रंग-रोगन किया जाता है, और चौथे में साज-सज्जा की जाती है.
ज्ञान की देवी को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ अवसर
माघ शुक्ल पंचमी को मनाई जाने वाली वसंत पंचमी को श्रीपंचमी भी कहा जाता है. इस दिन को विद्या और कला के नए आरंभ के लिए शुभ माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि इसी दिन वेदों की देवी प्रकट हुई थीं. इसी दिन शिशुओं का अक्षरारंभ भी किया जाएगा.
बाजार में पूजन सामग्री की धूम
सरस्वती पूजा में अब कुछ ही दिन शेष हैं, जिससे बाजारों में रौनक बढ़ गई है. मां शारदे की विभिन्न मूर्तियां, पूजन सामग्री, रंगीन चुनरी, मोती, माला और मुकुट बाजार में उपलब्ध हैं. श्रद्धालु भीड़ से बचने के लिए अभी से खरीदारी कर रहे हैं. विशेष रूप से कलम-दवात की मांग अधिक है.
पूजा के शुभ मुहूर्त
रेवती नक्षत्र: 2 फरवरी, रात 2:14 बजे
लाभ-अमृत मुहूर्त: सुबह 6:36 से 9:19 बजे तक
शुभ योग: सुबह 10:41 से दोपहर 12:03 बजे तक
अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:41 से 12:25 बजे तक
चर-लाभ मुहूर्त: अपराह्न 2:46 से शाम 5:30 बजे तक
पीले वस्त्रों की बढ़ी मांग
वसंत पंचमी पर महिलाएं विशेष रूप से पीली साड़ी व सूट पहनना पसंद करती हैं, जिससे कपड़ा बाजार में इनकी मांग बढ़ गई है. पीला रंग मां सरस्वती का प्रिय रंग माना जाता है, जो सकारात्मकता और ऊर्जा का प्रतीक है. इसी कारण इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.
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