उदित वाणी, झारखंड: गिरिडीह जिले में स्थित सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत पर 12 मार्च को देशभर के आदिवासियों का महाजुटान होगा। इस संबंध में मरांग बुरु जुग जाहर थान संगठन की बैठक आयोजित की गई, जिसमें इस ऐतिहासिक जुटान और आंदोलन की घोषणा की गई।
स्वामित्व विवाद फिर गहराया
सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वत के स्वामित्व को लेकर आदिवासी समाज और जैन समुदाय के बीच विवाद एक बार फिर गहरा रहा है। मरांग बुरु जुग जाहर थान संगठन के बैनर तले देशभर के आदिवासी मधुबन में एकजुट होकर प्रतिरोध मार्च निकालेंगे। संगठन के मीडिया प्रभारी दुर्गा चरण मांझी ने केंद्र सरकार और जैन समाज पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने जैन समुदाय के स्वामित्व के दावे को खारिज करते हुए 12 मार्च को पारंपरिक हथियारों के साथ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की।
7 मार्च को देशभर में धरना-प्रदर्शन
इस आंदोलन के तहत 7 मार्च को देशभर के सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें आदिवासी समुदाय के अधिकारों और मांगों को रखा जाएगा।
संगठन के प्रमुख नेताओं की प्रतिक्रिया:
दुर्गा चरण मांझी, मीडिया प्रभारी – “आदिवासी समाज अपने पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 12 मार्च को पूरे देश से हजारों आदिवासी भाई-बहन सम्मेद शिखर मधुबन में जुटेंगे और अपनी एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे।”
रामलाल मुर्मू, अध्यक्ष, मरांग बुरु जाहर थान संगठन – “हम अपने पूर्वजों की पवित्र भूमि के अधिकार की रक्षा के लिए संगठित होकर संघर्ष करेंगे। यह महाजुटान ऐतिहासिक होगा और सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देना होगा।”
आदिवासी समुदाय का यह महाजुटान सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना को एक नई दिशा देगा।
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