उदित वाणी, जुगसलाई: श्री राजस्थान शिवमंदिर, जुगसलाई में आज मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी, जिसे मोक्षदा एवं बैकुंठ एकादशी भी कहा जाता है, के अवसर पर गीता जयंती का भव्य आयोजन किया गया. यह आयोजन बुधवार, 11 दिसंबर, प्रातः 10 बजे से प्रारंभ हुआ. पहली बार मंदिर परिसर में गीता जयंती का आयोजन हुआ, जिसे भक्तों ने अद्वितीय उत्साह के साथ मनाया.
गीता जयंती का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र गीता ग्रंथ के पूजन से हुई. इसके बाद विद्वान आचार्य ने भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण द्वारा महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिए गए गीता उपदेश का सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया. भगवान श्रीकृष्ण और श्री हरि के नाम का संकीर्तन हुआ, जिससे भक्तिमय वातावरण का निर्माण हुआ.
13 विद्वान पंडितों द्वारा गीता पाठ
विशेष रूप से आमंत्रित 13 विद्वान पंडितों ने श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ किया. इस अवसर पर गीता जी, भगवान श्रीकृष्ण और श्री हरि की विशेष पूजा-अर्चना, आरती और भोग अर्पण किया गया. उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण से कार्यक्रम का समापन हुआ.
विद्वानों का सम्मान
गीता जयंती के अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित 13 विद्वान पंडितों को विशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया. इस अनुष्ठान ने भक्तों के हृदय में आध्यात्मिक जागृति का संचार किया.
समिति का सक्रिय योगदान
कार्यक्रम में श्री राजस्थान शिवमंदिर कमेटी, जुगसलाई के अध्यक्ष श्री छीतरमल धूत ने सपत्नीक गीता जी की पूजा की. महामंत्री अरुण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष दीपक अग्रवाल रामूका, सांवरलाल शर्मा, पवन सिंगोदिया, जगदीश धूत, अंजनी सिंगोदिया और राजेश सहित अन्य सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई.
मीडिया को जानकारी
इस भव्य आयोजन की जानकारी श्री राजस्थान शिवमंदिर के मीडिया प्रभारी सांवरलाल शर्मा और बी.एन. शर्मा ने संयुक्त रूप से दी.
गीता जयंती के इस उत्सव ने भक्ति और ज्ञान का संदेश देकर भक्तों के जीवन को आलोकित किया.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।