उदित वाणी, जमशेदपुर: नव वर्ष के अवसर पर मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा स्टेट (नियर इरीगेशन कॉलोनी) में श्री शिव महापुराण कथा सप्ताह का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया. इस धार्मिक उत्सव की शुरुआत बुधवार को कलश शोभा यात्रा और व्यास पूजन के साथ हुई. वृन्दावन से पधारे स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने श्री गणेश पूजन, मातृका पूजन, नवगृह पूजन और कलश स्थापना जैसे धार्मिक अनुष्ठानों का विधिपूर्वक आयोजन किया. इसके बाद शोभा यात्रा ने राधा-कृष्ण के मंदिर की ओर प्रस्थान किया और वहां पुनः व्यास एवं राधा-कृष्ण की पूजा की गई.
शोभा यात्रा की भव्यता
शोभा यात्रा में सैकड़ों भक्तगण शामिल हुए, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक थी. महिलाएं सिर पर कलश धारण किए हुए मंगल गीत गाती हुई यात्रा में चल रही थीं. बैंड पर बज रहे धार्मिक गीतों पर महिला-पुरुष नृत्य करते हुए “बम-बम भोले”, “हर-हर महादेव” के जयकारे लगाते हुए यात्रा आगे बढ़ी. इस दौरान शिव-पार्वती और राधा-कृष्ण की आकर्षक झांकियां भक्तों का ध्यान आकर्षित कर रही थीं. यात्रा की समाप्ति वसुन्धरा स्टेट के कथा स्थल पर हुई, जहां भक्तों ने श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की.
कथा का उद्देश्य और महत्व
इस अवसर पर स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने शिव महापुराण कथा का वाचन किया. उन्होंने कहा कि “शुभ कर्मों की यात्रा का नाम ही शोभा यात्रा है. कथा सुनने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और ज्ञान का भंडार बढ़ता है. अच्छे संकल्प और विचार ही व्यक्ति को महान बनाते हैं और उसे ईश्वर से मिलवाते हैं.” इस आयोजन का उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देना था.
आयोजन और आयोजनकर्ता
इस धार्मिक आयोजन का आयोजन किरण-उमाशंकर शर्मा द्वारा किया गया था. आयोजक के पुत्र कृष्णा शर्मा उर्फ काली (जिला भाजपा कोषाध्यक्ष) ने बताया कि यह शिव महापुराण कथा 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक आयोजित होगी. इस सात दिवसीय कथा सप्ताह के अंतिम दिन भंडारा का आयोजन भी किया जाएगा. स्वामी जी रोजाना शाम 4 बजे से व्यासपीठ पर आसीन होकर अपनी सुमधुर वाणी से भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराएंगे.
महत्वपूर्ण उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उमाशंकर शर्मा, कृपाशंकर शर्मा, रामाशंकर शर्मा, गिरजाशंकर शर्मा, कृष्णा शर्मा उर्फ काली शर्मा, संतोष शर्मा, विश्वनाथ शर्मा, रामानंद शर्मा, रवींद्र कुमार, अनिल कुमार, चंदन कुमार सहित सैकड़ों भक्तगण उपस्थित थे.
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