उदित वाणी, नई दिल्ली: केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) इस गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर एक आकर्षक झांकी प्रदर्शित करेगा, जिसमें भारत के उभरते ऊर्जा परिदृश्य की झलक दिखाई जाएगी. यह झांकी नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में मंत्रालय की उल्लेखनीय प्रगति को प्रदर्शित करने के साथ ही देश की गहरी सांस्कृतिक विरासत को भी मनाएगी.
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना पर केंद्रित झांकी
झांकी का मुख्य फोकस प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ़्त बिजली योजना पर होगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी आवासीय छत सौर पहल है. इसके साथ ही, एमएनआरई की अन्य परिवर्तनकारी योजनाएं भी इसमें शामिल की जाएंगी. ये प्रयास भारत की हरित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के साथ-साथ वर्ष 2030 तक करोड़ों हरित नौकरियों के अवसर उत्पन्न करेंगे.
हरित हाइड्रोजन और पवन ऊर्जा की प्रगति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के ऊर्जा परिवर्तन पर जोर देते हुए, झांकी में हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में भारत की प्रगति को भी दर्शाया जाएगा. इसमें भारत की पवन ऊर्जा में चौथे सबसे बड़े संस्थापन क्षमता वाले देश के रूप में स्थिति भी प्रदर्शित की जाएगी.
विशेष अतिथियों की उपस्थिति
इस झांकी को देखने वाले पहले लोगों में पीएम सूर्यघर, पीएम कुसुम लाभार्थी और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आमंत्रित नवीकरणीय ऊर्जा तकनीशियनों सहित 800 विशेष अतिथि शामिल होंगे. ये सभी गणतंत्र दिवस परेड का आनंद लेंगे.
सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में, मंत्रालय अपने परिवर्तनकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए भारत के लाखों परिवारों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे रहा है.
गणतंत्र दिवस परेड में यह झांकी न केवल ऊर्जा क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाएगी, बल्कि यह हरित और सतत भविष्य की दिशा में देश के बढ़ते कदमों का प्रतीक भी बनेगी.
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