उदित वाणी, जमशेदपुर: डीबीएमएस कॉलेज द्वारा 18 अप्रैल को ‘एनईपी 2020: मुद्दे, कार्यान्वयन और चुनौतियाँ’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम रामकृष्ण फोर्जिंग्स लिमिटेड के सहयोग से स्कूल परिसर स्थित कलाकृति ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ.
दीप प्रज्वलन और प्रार्थना गीत के साथ हुआ शुभारंभ
कार्यशाला की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से की गई. इसके पश्चात बी.एड प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं ने अमृता चौधरी के निर्देशन में प्रार्थना गीत प्रस्तुत किया. कॉलेज की प्राचार्या डॉ. जूही संप्रक्ति ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि झारखंड में अभी तक नई शिक्षा नीति का पूर्ण रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पाया है.
मुख्य वक्ताओं ने रखे महत्वपूर्ण विचार
रामकृष्ण फोर्जिंग्स के सीईओ शक्ति सेनापति ने कॉलेज प्रबंधन को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं. कोल्हान विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य डॉ. रंजन प्रसाद ने कहा कि एनईपी 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा, डिजिटल शिक्षा, मातृभाषा में शिक्षण, बहुभाषिकता, बहुविषयक अध्ययन और समावेशी मूल्यांकन पर विशेष बल दिया गया है.
बीएचयू के विशेषज्ञ ने उठाए कुछ सटीक प्रश्न
डॉ. आशीष वास्तव (बीएचयू) ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि तकनीक साधन है, साध्य नहीं. उन्होंने टिप्पणी की कि अधिकांश शिक्षकों ने आज तक शिक्षा नीति को ठीक से पढ़ा ही नहीं है. उनका मानना है कि प्रत्येक शिक्षक को मार्गदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए और पाठ्यचर्या में एनईपी को सक्रिय रूप से लागू करना चाहिए.
इग्नू के निदेशक और अन्य वक्ताओं ने दिए अमल योग्य सुझाव
इग्नू के निदेशक डॉ. सरोज कुमार मिश्रा ने बताया कि उनके संस्थान में एनईपी के अनुपालन को लेकर कैसे प्रयास किए जा रहे हैं.गुलमोहर स्कूल की प्राचार्या प्रीति वसंदा ने वर्किंग पेपर के माध्यम से शिक्षकों के बीच समूह परिचर्चा कराई. चर्चा का मुख्य विषय था—कैसे एनईपी को शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में प्रभावी रूप से लागू किया जाए.
बुद्धि परीक्षण और सामाजिक सहभागिता पर भी चर्चा
कॉलेज की उप प्राचार्या डॉ. मोनिका उप्पल ने छात्रों की बुद्धि पहचानने हेतु एक रोचक खेल के माध्यम से परीक्षण की विधियाँ समझाईं.ओडिशा से आए आईक्यूएसी सलाहकार दिलीप मंगराज ने समाज के सक्षम लोगों से शिक्षा में सहयोग कैसे लिया जा सकता है, इस पर प्रस्तुति दी.
संगीत, कला और खेल के एकीकरण की हुई व्यावहारिक प्रक्रिया
कार्यशाला के अंतिम भाग में शिक्षकों को प्रश्न पत्र वितरित कर उनसे विषयवस्तु को संगीत, कला और खेल के साथ एकीकृत कर शिक्षण योजना और अधिगम सामग्री तैयार करने की गतिविधि कराई गई. प्रतिभागियों को भागीदारी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए.
विशेष उपस्थिति और आयोजन समिति की सराहना
इस कार्यशाला में कोल्हान विश्वविद्यालय, बीएचयू, इग्नू और विभिन्न विद्यालयों से लगभग 200 शिक्षक उपस्थित हुए.कार्यक्रम का स्वागत भाषण डीबीएमएस कॉलेज के अध्यक्ष बी. चंद्रशेखर ने दिया और धन्यवाद ज्ञापन मौसमी दत्ता ने किया. संचालन अंजलि गर्गेशन ने किया. समापन पामेला घोष दत्ता ने सारगर्भित रूप में प्रस्तुत किया.
इस सफल आयोजन में अध्यक्ष बी. चंद्रशेखर, सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन, सह-सचिव सुधा विलिप, प्राचार्या डॉ. जूही संप्रक्ति, उप प्राचार्या डॉ. मोनिका उप्पल सहित सभी शिक्षक और कर्मचारीगण सक्रिय रूप से सम्मिलित रहे.
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