उदित वाणी, प्रयागराज: महाकुंभ के सबसे प्रमुख पर्व मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं के सुगम यातायात और सुरक्षित स्नान को लेकर मेला प्रशासन ने कमर कस ली है. संगम नोज और अन्य घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की आवाजाही को व्यवस्थित करने के लिए सेक्टर और जोन स्तर पर योजनाएं बनाई हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो.
सेक्टर और जोन में नियंत्रित मूवमेंट
प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि श्रद्धालु जिस सेक्टर या जोन में स्नान के लिए पहुंचें, वहीं से उनकी वापसी सुनिश्चित की जाए. 27 से 29 जनवरी के बीच संगम नोज और अन्य महत्वपूर्ण जोन में भीड़ को कम से कम रखने के निर्देश दिए गए हैं. 12 किमी लंबे घाटों का निर्माण किया गया है, ताकि श्रद्धालु सुगमता से स्नान कर सकें. घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने के लिए ‘इवैक्युएशन गैंग’ की तैनाती की जाएगी.
सुरक्षा और संसाधन व्यवस्था
मेला प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए विभिन्न व्यवस्थाओं पर जोर दिया है. घाटों पर हार्ड बैरिकेटिंग, रस्सों का प्रबंध, लाउड हेलर, सीटी और उड़न दस्तों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी. वॉच टावर और जल पुलिस को भी सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही, होल्डिंग एरिया और अस्थाई पार्किंग के लिए संस्थानों को तैयार रखा जाएगा.
स्वच्छता और सुविधाएं
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर अवस्थापना सुविधाएं सुदृढ़ की जा रही हैं. इसमें कासा, पुआल, बोरे, जल बैरिकेडिंग, शौचालय, चेंजिंग रूम, लाइटिंग और साइनेज की व्यवस्था की जा रही है. सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं.
श्रद्धालुओं को प्रोत्साहित करने के निर्देश
श्रद्धालुओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि जिस घाट पर वे स्नान करें, वहीं से वापसी करें. संगम नोज पर भीड़ को नियंत्रित रखने और अन्य घाटों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
मौनी अमावस्या के इस अमृत स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति संभावित है. ऐसे में मेला प्रशासन की ये तैयारियां न केवल भीड़ नियंत्रण बल्कि सुरक्षित और सुखद अनुभव सुनिश्चित करने में सहायक होंगी.
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